शादी में बिना बैंड-बाजे के कैसे मचेगा धमाल, लग्न के चार महीने पहले ही खोजे नहीं मिल रहा बैंडबाजा, वजह जान लें
Band Baja Booking In Gorakhpur शादी का सीजन शुरू होने में अभी चार महीने हैं लेकिन गोरखपुर व आसपास में बैंड बाजा खोजे नहीं मिल रहा। नवंबर में 27 व 28 तारीख को ज्यादातर बैंड बाजे बुक हो चुके हैं। जो खाली हैं वह मुंहमागा दाम मांग रहे हैं। इसकी वजह है कि डीजे की मांग के चलते अनेक लोगों ने बैंड बाजा कारोबार बंद कर दिया।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Band Baja Booking In Gorakhpur : लगातार कम होती जा रही बैंड बाजों की संख्या ने नई परेशानी खड़ी कर दी है। चार माह पहले ही 28 नवंबर की बुकिंग लगभग फुल हो गई है। गोरखपुर व आसपास के सभी प्रमुख बाजारों तथा खलीलाबाद में इस तिथि के लिए शायद ही कोई बैंड पार्टी ऐसी हो, जो बुक न हो। 27 नवंबर को भी ज्यादातर बैंड बाजे बुक हैं। दिसंबर में सात, नौ, 13 व 15 तारीख की बुकिंग अभी हो गई है।
आर्केस्ट्रा व डीजे के आगे कम हुई बैंड बाजे की मांग
बैंड बाजा वाले भी मानते हैं कि आर्केस्ट्रा व डीजे के आगे उनकी मांग कम हुई है। बावजूद इसके चार माह पहले बुकिंग फुल हो गई। इसका कारण पता करने पर बैंड बाजों की कमी सामने आई। डीजे व आर्केस्ट्रा की मांग के चलते अनेक लोगों ने अपने कारोबार बंद या कम कर दिए हैं। नवंबर में 27 व 28 तारीख को लग्न बहुत तेज है। इन दोनों दिन के लिए लगभग सभी बैंड बाजों की बुकिंग हो गई है। खोजने पर भी बैंड बाजे नहीं मिल रहे हैं। जहां खाली हैं, वहां शुल्क लगभग दोगुणा मांगा जा रहा है।
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अभिषेक नगर के आलोक दूबे के बेटे की शादी 28 नवंबर को है। वह गोरखपुर, मोतीराम, चौरी चौरा, पीपीगंज, कुशीनगर के हाटा व कप्तानगंज तथा संत कबीर नगर के खलीलाबाद तक बैंड बाजा खोजते हुए गए। खलीलाबाद, हाटा व पीपीगंज में एक-एक बैंड बाजे खाली मिले। उनका शुल्क क्रमश: 70, 50 व 40 हजार रुपये है। आमतौर पर 20 से 35 हजार रुपये में बैंड बाजों की बुकिंग हो जाती है।
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डीजे के चलते बंद किया दादा का शुरू किया बैंड
भटहट के ग्रामसभा पतरा निवासी रसीद के दादा घुरहू 53 वर्ष पूर्व बैंडबाजे का कारोबार शुरू किए थे। उनके बाद उनके पुत्र कासिम ने कारोबार आगे बढ़ाया। अब उनके पुत्र रसीद इसे संभाल रहे थे, लेकिन डीजे व आकेस्ट्रा के आगे बैंडबाजे की पूछ कम होने की वजह से उन्हें कारोबार बंद करना पड़ा।
सम्मान व आय कम हुई तो बंद कर दी बैंड पार्टी
जंगल सेमरा मोहिउ द्दीनपुर के अजहर हुसैन के पिताजी सरफुद्दीन ने बैंडबाजा शुरू किया था। बाद में बड़े बेटे मजहर ने कारोबार को संभाला। उनके विदेश जाने के बाद छोटे बेटे अजहर ने इसे आगे बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने देखा कि इस धंधे में सम्मान व आय काफी कम हो गई है।
प्रबोधनी एकादशी से शुरू हो जाएगा मुहूर्त
ज्योतिषा चार्य पं. शरदचंद्र मिश्र का कहना है कि प्रबोधनी एकादशी 23 नवंबर को है, इसी दिन चातुर्मास खत्म होगा। इस दिन भी विवाह मुहूर्त है। इसके बाद नवंबर में दो व दिसंबर में सात अच्छे मुहूर्त हैं। 16 दिसंबर को खरमास लग जाएगा। इसके बाद एक माह के लिए विवाह ठप हो जाएंगे।
परंपरागत कारोबार से पीछे हट रहे लोग
बैंडबाजा संचालक अनिल जायस वाल ने कहा कि नवंबर में 27 व 28 तारीख को बैंडबाजों की बुकिंग हो गई है। दोनों तिथियों के लिए बैंडबाजा मिलना मुश्किल हो गया है। लग्न बहुत तेज है। ज्यादातर परंपरागत लोग इस कारोबार से पीछे हट गए। मेरे पास चार पार्टियां थीं। इस समय केवल तीन हैं।
डीजे व आर्केस्ट्रा की अधिक हो रही बुकिंग
बैंडबाजा संचालक संजीव गुप्ता ने कहा कि डीजे व आर्केस्ट्रा की बुकिंग ज्यादा लोग करा रहे हैं। इसलिए बैंडबाजे का कारोबार कम होता गया। मेरे पास नौ पार्टियां थीं, अब तीन-चार रह गई हैं। अनेक बैंडबाजों के संचालक दूसरे कामों में लग गए। बैंड की संख्या कम होने से लोगों की दिक्कतें बढ़ी हैं।
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