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    Karwa Chauth 2025: कृत्रिम आभूषणों में सोने की चमक, खोने का नहीं डर

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 02:19 PM (IST)

    त्योहारों के मौसम में कृत्रिम ज्वेलरी की मांग बढ़ी है, क्योंकि यह सस्ते दामों पर सोने की चमक प्रदान करती है और खोने का डर नहीं होता। यह शाहमारूफ, घंटाघर जैसे स्थानों पर उपलब्ध है। गोल्डन ज्वेलरी महिलाओं की पहली पसंद है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी यह आसानी से मिल जाती है, जिससे यह फैशन का अहम हिस्सा बन गई है।

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    करवाचौथ से लेकर दीपावली के लिए महिलाएं कर रही खरीदारी।-जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। त्योहारों के मौसम में कृत्रिम ज्वेलरी की खरीदारी हो रही है। सस्ते में जहां सोने की चमक मिल रही, तो इनके खोने का कोई डर नहीं है। विक्रेताओं का कहना है कि शौक और सुरक्षा के लिए कम दाम में आकर्षक नकली आभूषणों को महिलाएं खरीद रही हैं। प्रति वर्ष इनका शौक बढ़ता जा रहा है।

    शहर में शाहमारूफ, घंटाघर, गोलघर, मोहद्दीपुर, असुरन चौक, गोरखनाथ और असुरन सहित अन्य जगहों पर कृत्रिम ज्वेलरी की बिक्री होती है। रेती रोड के विक्रेता अनमोल पटवा ने बताया कि अधिकतर स्टाक दिल्ली के सदर बाजार, जयपुर के मणिहार और मुंबई के भिवंडी से आता है।

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    सूरत और अहमदाबाद से डिजाइनर व ब्राइडल सेट मंगाए जाते हैं। त्योहार में हर सप्ताह कुछ न कुछ नया आ रहा है। दुकानदारों का कहना है कि अधिकांश महिलाओं को गोल्डन ज्वेलरी पसंद आती है। कुछ युवतियां और महिलाएं अमेरिकन डायमंड यानी की एडी ज्वेलरी ज्यादा खरीदती हैं।

    इनको मुख्य रूप से तांबा, पीतल और जिंक की मिश्रधातु से तैयार किया जाता है। उस पर गोल्डन या सिल्वर पालिश की परत चढ़ाई जाती है। क्यूबिक जिरकोनिया, अमेरिकन डायमंड, व पर्ल की जड़ाई की जाती है। कुछ लोग एंटीक ज्वेलरी भी खरीद रहे हैं।

    दुकानदारों का कहना है कि कान की रिंग 100 से लेकर 800 रुपये, नेकलेस सेट 300 से 2500 तक, चूड़ी सेट 150 से 1000, मांगटीका व झुमका सेट 200 से 1500 और ब्राइडल सेट 1200 से 6000 रुपये तक में आसानी से उपलब्ध हैं। हालांकि डिजाइन और आकार के आधार पर इनके मूल्य घट-बढ़ सकते हैं।

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    घंटाघर के व्यापारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में आर्टिफिशियल ज्वेलरी की मांग तेजी से बढ़ी है। असली की तुलना में यह सुरक्षित हैं। हर ग्राहक के लिए आसानी से उपलब्ध होते हैं। शाहमारूफ में खरीदारी करने पहुंची दिव्या ने कहा कि असली ज्वेलरी के चोरी होने का डर रहता है।

    कृत्रिम ज्वेलरी देखने में असली जैसे लगते हैं। इनसे शौक पूरा हो जाता है। चोरी का खतरा भी नहीं रहता है। दुकानदार हिमांशु गुप्ता ने बताया कि बाजार के साथ-साथ आनलाइन भी महिलाएं इस तरह की ज्वेलरी मंगा रही हैं।

    मीशो, फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे आनलाइन प्लेटफार्म पर भी इनकी उपलब्धता है। 100 रुपये से लेकर तीन हजार तक की ज्वेलरी बिक रही है। दुकानदारों का कहना है कि कृत्रिम ज्वेलरी सस्ते विकल्प के साथ ही फैशन का अहम हिस्सा बन गए हैं।