गोरखपुर में किसानों की आपत्ति पर प्रशासन ने बदला मास्टर प्लान, सहजूपार गांव की भूमि का अधिग्रहण नहीं करेगा GIDA
गोरखपुर में किसानों की आपत्ति के बाद प्रशासन ने मास्टर प्लान में बदलाव किया है। सहजूपार गांव में अब भूमि अधिग्रहण नहीं होगा, और सियर गांव के लेआउट में भी परिवर्तन किया जाएगा। किसानों की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

सहजूपार, सियर और बरऊर गांव के किसानों की आपत्ति के बाद निर्णय। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) प्रशासन ने सहजूपार, सियर और बरऊर गांव के किसानों की भूमि के अधिग्रहण प्रक्रिया में बदलाव कर दिया है। ग्रामीणों की आपत्तियों के बाद गीडा प्रशासन ने सहजूपार गांव की भूमि काे अधिग्रहण से बाहर रखने और सियर गांव के लिए तैयार किए गए लेआउट में संशोधन करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय बुधवार को गीडा कार्यालय में किसानों की आपत्तियों पर हुई समीक्षा के बाद लिया गया है।
दरअसल, गीडा ने औद्योगिक विकास और निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई गांवों की भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की थी। इनमें सहजूपार, सियर और बरऊर गांव भी शामिल हैं। अधिग्रहण की सूचना मिलते ही दोनों गांवों के किसानों में नाराजगी बढ़ गई थी।
बीते 25 सितंबर को ग्रामीणों ने गीडा कार्यालय पहुंचकर आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बाद बुधवार को भी बड़ी संख्या में प्रभावित किसान गीडा कार्यालय पहुंचे और अपनी आपत्तियां दर्ज कराईं।
किसानों का कहना था कि उनकी उपजाऊ भूमि ही उनके जीवन-यापन का प्रमुख साधन है, जिसे देने के बाद उनका भविष्य संकट में पड़ जाएगा। किसानों की आपत्तियों को देखते हुए अब इस इलाके के लिए तैयार हो रहे मास्टर प्लान में बदलाव का निर्णय लिया गया है।
अब सहजूपार में और जमीनों का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। वहीं, सियर गांव के लेआउट में भी बदलाव किया जाएगा, जिससे किसानों की न्यूनतम भूमि प्रभावित हो। संशोधित प्रस्ताव जल्द ही शासन को भेजा जाएगा।
ग्रामीणाें की आपत्ति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि सहजूपार में जमीन का अधिग्रहण नहीं होगा। वहीं सियर गांव में भी लेआउट बदला जाएगा। इन्हीं दो गांवों के किसानों की आपत्तियां अधिक थीं।
-अनुज मलिक, सीईओ गीडा
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