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    पशुओं को उठाकर बिहार में ले जाने वाले तस्करों पर गैंगस्टर का केस, पुलिस के घेराबंदी करने पर जंगल में पिकअप छोड़कर हुए थे फरार 

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 08:36 AM (IST)

    गोरखपुर पुलिस ने पशु तस्करी करने वाले एक गिरोह के 12 सदस्यों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। यह गिरोह कुशीनगर के रास्ते पशुओं की तस्करी करता था और उन्हें बिहार ले जाकर बेचता था। पुलिस ने जून 2025 में इस गिरोह का पीछा किया था, जिसके बाद वे पशुओं से लदी गाड़ियां छोड़कर फरार हो गए थे। पुलिस अब इन तस्करों की संपत्ति की जांच कर रही है। 

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    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पशु तस्करी कर कुशीनगर के रास्ते अवैध कटान और बिक्री करने वाले गिरोह पर बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया। डीएम से अनुमोदन के बाद दर्ज किए गए इस केस में 12 कुख्यात तस्कर शामिल हैं, जिन्हें पुलिस पिछले कई महीनों से ट्रैक कर रही थी। यह वही गिरोह है, जिसने जून 2025 में पुलिस पीछा-कर के दौरान तीन पशु लदी पिकअप छोड़ दी थीं।गुजरती ट्रेन की आड़ लेकर फरार सभी आरोपित फरार हो गए थे।

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    25 जून को खोराबार पुलिस को सूचना मिली कि मवेशी लदे पिकअप का पीछा किया था। घिरने के बाद आरोपित रेलवे ट्रैक की ओर भाग निकले। पुलिस के पहुंचने पर गाड़ी से कूदकर जंगल की ओर भाग गए। पुलिस को मौके से तीन पिकअप मिली थी जिसमें पशु लदे थे।

    इन वाहनों की नंबर प्लेट, चेसिस विवरण व सर्विलांस की मदद से की गई छानबीन में सामने आया कि यह गिरोह गोरखपुर, खोराबार, खजनी, बांसगांव और बेलघाट क्षेत्र से रात में पशु लादकर कुशीनगर की ओर निकलता था।

    बार्डर पार कराकर सिवान व गोपालगंज जिले में बनाए गए सेंटर पर पशुओं को पहुंचाते थे।गिरोह के सदस्यों की अलग-अलग भूमिकाएं तय थीं। किसी का काम वाहन उपलब्ध कराना था, कोई रास्ता दिखाता तो कोई पशुओं को पिकअप पर लादता था।

    पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य से गिरोह की गतिविधियों को प्रमाणित किया। इसके बाद जिलाधिकारी दीपक मीणा ने गैंग्सटर एक्ट लगाने की मंजूरी दी। सीओ कैंट योगेंद्र सिंह ने बताया कि एसओ इत्यानंद पांडेय की तहरीर पर गैंग्टर एक्ट की कार्रवाई हुई है। तस्करों के संपत्ति की जांच चल रही है।

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    इनके ऊपर दर्ज हुए मुकदमा
    रामगढ़ताल के कठऊर गांव का रहने वाला रामलखन गिरोह का सरगना है।खजनी क्षेत्र के भीटी खोरिया निवासी बृजभूषण पांडेय उर्फ मोनू बाबा, आनंद कुमार और आशुतोष को सक्रिय सदस्य चिह्नित किया गया है। इसी क्षेत्र के भगवानपुर निवासी राज निषाद उर्फ राजकुमार व कमलेश गौड़ भी लंबे समय से इस धंधे में शामिल पाए गए हैं।

    बांसगांव के बरपार निवासी संदीप सिंह, शुभम चौहान, अंकित गौड़ और गोविंद कुमार इस रैकेट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। बेलघाट क्षेत्र के जैती गांव निवासी विकास मिश्रा व अमित चौहान भी गिरोह के सक्रिय सदस्य बताए गए हैं। इन सभी पर पहले से कई जिला और थानों में मुकदमे दर्ज हैं तथा कई बार गिरफ्तारी भी हो चुकी है।