Railways News: आनंदनगर-घुघली नई रेल लाइन भूमि अधिग्रहण में तेजी, 2027 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट
Railway News आनंदनगर-महराजगंज-घुघली नई रेल लाइन के लिए 60 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत शेष भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। 2027 तक प्रोजेक्ट पूरा होगा। गोंडा से आनंदनगर और महराजगंज होते हुए घुघली तक 42 किमी की दूरी कम होगी। रेल नेटवर्क से महराजगंज जिला मुख्यालय भी जुड़ेगा। मालगाड़ियां गोंडा से सीधे आनंदनगर-घुघली होते हुए नरकटियागंज- मुजफ्फरपुर रेलमार्ग पर चलने लगेंगी।
प्रेम नारायण द्विवेदी, जागरण, गोरखपुर। आनंदनगर-महराजगंज-घुघली नई रेल लाइन के लिए 60 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत कर ली गई है। शेष 165 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया चल रही है। 225 हेक्टेयर भूमि पर 53 गांवों से होकर गुजरने वाली 60.46 किमी नई रेल लाइन के निर्माण के लिए 958.27 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत है। विद्युतीकृत नई रेल लाइन को वर्ष 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है। रेलवे बोर्ड ने मार्च 2019 में नई रेल लाइन को मंजूरी दी थी।
महत्वाकांक्षी नई रेल लाइन परियोजना दो चरण में पूरी होगी। पहले चरण में घुघली से महराजगंज तक 24.78 किमी तथा दूसरे चरण में महराजगंज से आनंदनगर तक 35.68 किमी का निर्माण कार्य पूरा होगा। रेलवे के स्पेशल प्रोजेक्ट में शामिल होने के बाद निर्माण कार्य में तेजी आई है। 60 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण पूरा करने के बाद रेलवे प्रशासन ने शेष 165 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण भी तेजी के साथ आरंभ कर दिया है।
इसमें 112.44 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण के लिए धारा 21 ए और 20 ई का भी प्रकाशन कर दिया गया है। बचे 52.56 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ सर्वे का कार्य चल रहा है। सर्वे का कार्य भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। नई रेल लाइन बिछ जाने से गोरखपुर रूट के सापेक्ष गोंडा से आनंदनगर और महराजगंज होते हुए घुघली तक 42 किमी की दूरी कम हो जाएगी।
नई रेल लाइन के निर्माण के लिए 958.27 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत है। जागरण (प्रतीकात्मक तस्वीर)
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महराजगंज जनपद भी रेलवे के नेटवर्क से जुड़ जाएगा। जिला मुख्यालय तक छुक-छुक की आवाज पहुंच जाएगी। लोग अपने गांव के पास से ही ट्रेन पकड़ सकेंगे। हिमालय के तराई क्षेत्र में स्थित जनपद मुख्यालय महराजगंज का विकास होगा। मालगाड़ियां, गोंडा से सीधे आनंदनगर-घुघली होते हुए नरकटियागंज- मुजफ्फरपुर रेलमार्ग पर चलने लगेंगी।
उत्तर भारत से आने वाली ट्रेनों को वाल्मीकिनगर एवं रक्सौल होते हुए पूर्वोत्तर भारत के लिए एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा। पूर्वोत्तर रेलवे को भी एक नया बाइपास रेलमार्ग मिल जाएगा। उत्तर प्रदेश और बिहार के अलावा नेपाल के लोगों का आवागमन भी सुगम होगा। गोरखपुर जंक्शन का लोड कम होगा। ट्रैक क्षमता बढ़ जाएगी। इस रूट पर भी मांग के आधार पर ट्रेनें चलाई जा सकेंगी।
इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार के क्षेत्र में रेलवे द्वारा नित नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं। नई रेल लाइन परियोजना आनंदनगर- महाराजगंज- घुघली के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इस रेल लाइन के निर्माण से महाराजगंज जिला मुख्यालय रेल हेड से जुड़ जाएगा। उत्तर से पूर्वोत्तर के राज्यों को जोड़ने के लिए एक वैकल्पिक एवं मार्ग प्राप्त होगा। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे
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25 बड़े व आठ पुल के साथ बनेंगे सात स्टेशन
आनंदनगर-महराजगंज-घुघली नई रेल लाइन पर एक महत्वपूर्ण पुल समेत 25 बड़े एवं आठ छोटे पुल बनाए जाएंगे। एक रोड ओवर ब्रिज के अलावा 32 अंडरपास भी बनाए जाएंगे। आनंदनगर से घुघली तक कुल सात रेलवे स्टेशन होंगे, जिसमें आनंद नगर, परीसा बुजुर्ग, पकड़ी नौनिया, महाराजगंज, शिकारपुर, पिपरा मुंडेरी एवं घुघली स्टेशन शामिल हैं।
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