UP के सबसे खतरनाक गैंग AK-47 के तीन सदस्य गिरफ्तार, हाथ पर बने टैटू ने पहुंचाया जेल
गोरखपुर में अकटहवा पुल गैंगवार में शामिल एके-47 गैंग के तीन और सदस्य गिरफ्तार हुए। उनके हाथों पर एके-47 का टैटू बना था, जिससे उनकी पहचान हुई। पुलिस ने उन्हें न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया। गैंगवार में शामिल होने वाले एके-47 गैंग के सदस्य हाथ पर बंदूक का टैटू बनवाते थे, जो उनकी पहचान थी। पुलिस दोनों गैंग के आतंक को खत्म करने के लिए अभियान चला रही है।

अकटहवा पुल पर हुए गैंगवार मामले में अब तक 21 आरोपितों की हुई गिरफ्तारी
जागरण संवाददाता,गोरखपुर। अकटहवा पुल गैंगवार कांड में शामिल एके-47 गैंग के तीन और सदस्य मंगलवार को पीपीगंज थाना पुलिस के हत्थे चढ़े। तीनों के हाथों पर एके-47 का टैटू बना हुआ मिला,जिससे उनकी पहचान हुई।आरोपितों में दो महराजगंज व एक गोरखपुर जिले का रहने वाला है।दोपहर बाद उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बतााय कि पुलिस टीम ने महराजगंज जिले के पनियरा क्षेत्र के डोमरा गांव निवासी सन्नी कन्नौजिया, मोहद्दीनपुर गांव के सचिन यादव और चिलुआताल के बलुआ गांव निवासी बालकिशुन को मंगलवार की दोपहर में अकटहवा गांव के पास से गिरफ्तार किया। तीनों के हाथों पर ‘एके-47’ बंदूक की आकृति का टैटू गुदवाया गया था, जो गिरोह के भीतर पहचान और वफादारी का प्रतीक था। पकड़े गए तीनों आरोपित गैंग के सक्रिय सदस्य बताए जा रहे हैं।अभी तक इस मामले में 21 आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है जिसमें सात नाबालिग शामिल हैं।
यह है मामला:
27 अक्टूबर की दोपहर करीब 12:50 बजे की है, जब अकटहवा पुल पर डोमरा (गोरखपुर) और नरकटहा (महराजगंज) के दो गुट आमने-सामने आ गए।दोनों पक्षों ने लाठी-डंडों, ईंट-पत्थरों और असलहों से हमला बोल दिया। पुल के दोनों छोरों पर अफरा-तफरी मच गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गैंग के कई सदस्य अभी भी फरार हैं। उनकी तलाश में गोरखपुर और महराजगंज की पुलिस संयुक्त छापेमारी कर रही है।
यह भी पढ़ें- यूपी के इस शहर में अवैध प्लाटिंग पर गरजा बुलडोजर, मच गई अफरा-तफरी
बंदूक वाले टैटू व लाल बाल दोनों गैंग की पहचान
अकटहवा पुल हुए गैंगवार में शामिल दोनों गैंग ने अपने सदस्यों की पहचान की व्यवस्था बनाई है।जहां एक ओर ‘एके-47 गैंग’ के सदस्य अपने हाथों पर बंदूक का टैटू बनवाकर गैंग की वफादारी की शपथ लेते थे,वहीं ‘रेड गैंग’ के सदस्य लाल बाल रखकर अपनी पहचान जाहिर करते थे।इन दोनों प्रतीकों ने आसपास के गांवों में दहशत फैला रखी थी।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि एके -47 गैंग में शामिल होने वाला हर नया सदस्य एक रस्म से गुजरता था।पहले उसे गैंग के वरिष्ठ सदस्यों के सामने बुलाया जाता,जहां उसे शपथ दिलाई जाती थी कि वह कभी पुलिस से या बाहरी लोगों से गैंग का नाम नहीं बताएगा।इसके बाद उसकी निष्ठा की परीक्षा ली जाती थी। उसे अचानक बुलाकर देखा जाता कि वह कितनी जल्दी पहुंचता है,और काम के समय पीछे हटता है या नहीं।
जो इस परीक्षा में सफल होता,उसे ही गैंग का स्थायी सदस्य घोषित कर उसके हाथ पर एके-47 की आकृति का टैटू गोद दिया जाता।यह टैटू गैंग में सम्मान का प्रतीक माना जाता था।दूसरी ओर, पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि‘रेड गैंग’ के सदस्य अपने बाल लाल रंग में रंगते थे, जो उनकी पहचान थी। थानाध्यक्ष पीपीगंज अरुण कुमार सिंह ने बताया कि दोनों गैंग के आतंक को खत्म करने के लिए पुलिस ने अभियान तेज कर दिया है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।