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     गोरखपुर विश्वविद्यालय में बनेगी अत्याधुनिक AI प्रयोगशाला, डेढ़ करोड़ होंगे खर्च

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 11:19 AM (IST)

    गोरखपुर विश्वविद्यालय में जल्द ही एक अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रयोगशाला का निर्माण होगा। इस परियोजना पर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किए ...और पढ़ें

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    दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी। उच्च स्तरीय तकनीकी शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए गोवि प्रशाासन में अत्याधुनिक एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) प्रयोगशाला की स्थापना की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।

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    यह प्रयोगशाला प्रधानमंत्री उषा (पीएम उषा) योजना के अंतर्गत लगभग रुपये 1.5 करोड़ की लागत से विकसित की जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार यह पहल विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर की तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ संगठित शोध एवं नवाचार को नई दिशा देगी।

    गोवि को पीएम उषा मद में यूजीसी की ओर से 100 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। उसमें से छात्रों के स्किल डेवलपमेंट के लिए साफ्ट कंपोनेंट तीन करोड़ से लिए जाने हैं। उसी मद से एआइ लैब स्थापित की जाएगी। इसके लिए गोवि की ओर से एक टीम गठित की गई है, जो इसका खाका तैयार कर रही है। बीते दिनों इसे लेकर गोवि की टीम ने नाइलिट डीम्ड यूनिवर्सिटी भी गई थी।

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    ऐसे काम करेगा लैब
    गोवि में स्थापित होने वाले एआइ लैब की स्थापना के साथ ही विश्वविद्यालय में संगठित एवं उच्च स्तरीय शोध कार्य भी शुरू किया जाएगा। इस लैब में उच्च क्षमता केंद्रीकृत (जीपीयू) सर्वर होगा, जो बड़े एआइ माडल प्रशिक्षण, डीप लर्निंग एवं डेटा विश्लेषण के लिए बैकबोन के रूप में कार्य करेगा।

    लैब में सात से 11 जीपीयू आधारित एआइ वर्कस्टेशन स्थापित किए जाएंगे, इसका व्यापक लाभ छात्रों को मिलेगा। विवि में बीटेक (एआइ) एवं एमएस (एआइ) जैसे पाठ्यक्रम पहले से ही संचालित किए जा रहे हैं। इन पाठ्यक्रम के छात्र भी इससे लाभान्वित होंगे।

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    पीएम उषा योजना के तहत स्वीकृत बजट में से एआइ लैब की स्थापना की जाएगी। यह प्रयोगशाला भविष्य में सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित की जाएगी। इससे विश्वविद्यालय पूर्वी उत्तर प्रदेश में तकनीकी शिक्षा, अनुसंधान व नवाचार का प्रमुख केंद्र बन सकेगा। विवि के छात्रों के लिए यह बड़ी उपलब्धि होगी।

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    -प्रो.पूनम टंडन, कुलपति, गोवि