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    अस्पताल में दीवार से रगड़ते हुए जमीन पर गिरा युवक, हो गई मौत; डॉक्टर ने दिया सीपीआर मगर नहीं बच पाई जान

    By Jagran NewsEdited By: Shivam Yadav
    Updated: Thu, 07 Dec 2023 01:59 AM (IST)

    मेडिसिन विभाग की ओपीडी में नंबर लगाने के बाद वह कुर्सी पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहा था। तकरीबन 1030 बजे वह कुर्सी से उठकर दीवार के सहारे खड़ा हो गया। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि अचानक युवक दीवार से रगड़ते हुए जमीन पर गिर गया। उसे इमरजेंसी पहुंचाया गया। उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।

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    अस्पताल में दीवार से रगड़ते हुए जमीन पर गिरा युवक, हो गई मौत

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर में बुधवार को उपचार कराने आए युवक की ओपीडी में मृत्यु हो गई। उसे कई दिन से बुखार था। 

    मेडिसिन विभाग की ओपीडी में नंबर लगाने के बाद वह कुर्सी पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहा था। तकरीबन 10:30 बजे वह कुर्सी से उठकर दीवार के सहारे खड़ा हो गया। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि अचानक युवक दीवार से रगड़ते हुए जमीन पर गिर गया। उसे इमरजेंसी पहुंचाया गया। उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। इमरजेंसी में डॉक्टरों ने हार्ट अटैक से मृत्यु की आशंका जताई है।

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    यह है पूरा मामला

    देवरिया जिले के बैरिया निवासी 26 वर्षीय अरुण कुमार सिंह अपने जुड़वा भाई आजाद सिंह के साथ एम्स में उपचार के लिए आए थे। अरुण को कई दिन से बुखार था। भाई आजाद के पित्त की थैली में पथरी की शिकायत थी। दोनों भाइयों ने ऑनलाइन पर्चा बनवाया था और सुबह एम्स की ओपीडी में पहुंच गए थे। अरुण मेडिसिन और आजाद सर्जरी विभाग की ओपीडी में चला गया।

    बचपन में ही हो गई थी मां की मृत्यु

    आजाद ने बताया कि बचपन में ही उनकी मां की मृत्यु हो गई थी। पिता ने दूसरी शादी कर ली तो दोनों भाइयों को लेकर मामा रघुनंदन सिंह कुशीनगर के ढाड़ा कस्बे में आ गए। कोरोना संक्रमण काल के पहले दोनों विदेश में कमाने गए थे।

    कोरोना संक्रमण काल में घर आए तो मजदूरी कर भरण-पोषण करने लगे। ओपीडी में युवक की मृत्यु की जानकारी मिलने पर आजाद भागकर इमरजेंसी पहुंचा। भाई के शव को देखकर वह रो पड़ा। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे। कर्मचारियों और गार्डों ने उसे समझाकर शांत कराया।

    सीपीआर से आ गया था होश

    मेडिसिन ओपीडी में पर्चा काउंटर के पास युवक के गिरने से अफरातफरी मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अंदर युवक के शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही थी। ओपीडी के अंदर सूचना पहुंची तो डॉ. चंद्रशेखर व डॉ. अतुलेश पांडेय उसे कमरे में ले गए और कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) देने लगे। बताया जाता है कि सीपीआर से युवक को होश आ गया तो व्हील चेयर के माध्यम से जूनियर डॉक्टर के साथ उसे इमरजेंसी भेज दिया गया।

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