छात्रा की मौत से नहीं ले रहे सबक, गली-मुहल्ले में बिक रहा धीमा जहर, अधिकतर ठेले वालों ने नहीं कराया पंजीकरण
अमरोहा में छात्रा की मौत के बावजूद गोंडा में खाद्य सुरक्षा विभाग की अनदेखी जारी है। जिले में 2000 से अधिक बिना पंजीकरण वाले ठेलों पर खराब गुणवत्ता का ...और पढ़ें

अजय पांडेय, गोंडा। अमरोहा में फास्ट फूड खाने से छात्रा अहाना की मौत ने भले ही चिंता बढ़ा दी हो लेकिन, जिले में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग सबक लेने को तैयार नहीं है। अनदेखी के चलते गली-मुहल्लों में खुले ठेलों पर खराब गुणवत्ता की सामग्री से बने फास्ट फूड परोसे जा रहे हैं।
जानकार बताते हैं कि नगर में ही 300 से अधिक ठेलों पर खुले में खाद्य सामग्री बेची जा रही है। ऐसे ही जिले के अलग-अलग कस्बे को मिलाकर दो हजार से अधिक ठेले लगते हैं। इनका पंजीकरण भी नहीं है। अधिकारी त्योहार पर अभियान चलाने के बाद सुस्त हो जाते हैं।
ऐसे में मिलावटखोरी पर लगाम नहीं लग पा रही है। आलम यह है कि लिवर के मरीज बढ़ रहे हैं। मेडिकल कालेज से संबद्ध बाबू ईश्वर शरण चिकित्सालय में प्रतिदिन दस से 20 लोग लिवर से जुड़ी समस्या लेकर पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञ फास्टफूड को धीमा जहर बताते हैं।
मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के सहायक आचार्य डा. एजाज अहमद बताते हैं कि फास्ट फूड (जंक फूड) के ज्यादा सेवन से मोटापा, डायबिटीज (मधुमेह), हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग व लिवर की समस्याएं बढ़ती हैं इसमें ज्यादा कैलोरी, फैट, चीनी और नमक होता है। यह पाचन, मानसिक स्वास्थ्य व समग्र शारीरिक अंगों (जैसे आंत, त्वचा, फेफड़े) को नुकसान पहुंचाता है, जिससे ऊर्जा की कमी, सूजन के साथ ही कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
फास्डफूड खाने से हो सकती हैं ये समस्याएं
- शरीर में ज्यादा फैट जमा होना।
- शरीर में शुगर लेवल बढ़ना।
- हाई ब्लड प्रेशर: ज्यादा नमक से रक्तचाप बढ़ना।
- खराब कोलेस्ट्राल बढ़ने से दिल की बीमारी होना।
- अधिक फैटी चीजें खाने से फैटी लिवर होना।
खाद्य पदार्थों का नमूना लेकर जांच कराया जाता है। फास्टफूड विक्रेताओं का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। अभियान चलाकर जांच की जाएगी। खाद्य सामग्री निर्धारित मानक के विपरीत मिलने पर जुर्माना लगाने के साथ ही अन्य कार्रवाई की जाएगी।
-अजीत मिश्र, सहायक आयुक्त खाद्य

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