Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दुकानें जल्दी बंद, रामलीला- दुर्गा पंडालों से भीड़ गायब! यहां चोरों के डर से रातजगा कर रहे ग्रामीण

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 06:00 AM (IST)

    गोंडा में चोरी की घटनाओं और अफवाहों से कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। कस्बों में दुकानें जल्दी बंद हो रही हैं जिससे व्यापार प्रभावित है। पूजन पंडालों और रामलीला आयोजकों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि श्रद्धालुओं की कमी हो रही है। वजीरगंज में लोग रातभर जागकर पहरेदारी कर रहे हैं जबकि पुलिस इसे अफवाह बता रही है।

    Hero Image
    घटनाओं व अफवाहों ने उठाए प्रश्न, ग्रामीण,व्यापारी,श्रद्धालु व कलाकार सबको टेंशन।

    पवन मिश्र, गोंडा। बढ़ती चोरी की घटनाओं व उसके साथ उड़ रही अफवाहों ने शहर से लेकर गांव तक कानून व्यवस्था पर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। हालत यह है कि शाम होते ही अधिकांश कस्बों की दुकानों का शटर गिर जाने से जहां लोगों को व्यापार प्रभावित हो रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वही अब पूजन पंडालों व रामलीला के आयोजकों की चिंता भी बढ़ गई है। शाम से ही घरों की रखवाली कर रहे लोग अबकी कहीं आने-जाने से तौबा कर रहे हैं, जिससे पूजन पंडालों में श्रद्धालुओं का जमावड़ा होने की उम्मीद नहीं दिख रही है। यही नहीं दर्शक दीर्घा खाली देख रामलीला का मंचन कर रहे कलाकारों का भी टेंशन बढ़ गई है।

    बालपुर बाजार के व्यापारी जगदंबा गुप्ता का कहना है कि दो घंटे पहले ही बाजार बंद हो जाती है। संगम लाल मोदनवाल ने बताया कि व्यापार के साथ धार्मिक आयोजनों पर पूरा दुष्प्रभाव पड़ रहा है।

    वजीरगंज क्षेत्र में एक माह से लोग रातभर जागकर खुद ही पहरेदारी करने को मजबूर हैं,जबकि पुलिस चोरी की घटनाओं और चोरों की सक्रियता को अफवाह बता रही है। हालत यह है कि पुलिस को सूचना देने में कतराने लगे है। वे खुद लाठी-डंडों के साथ रतजगा कर पहरेदारी कर रहे हैँ।

    ग्रामीणों के अनुसार संदिग्ध चार-पांच रहते हैं,जो पहले घरों पर ईंट-पत्थर फेंक कर टोह लेते हैं कि परिवार सतर्क है या नहीं। जब उन्हें पूरी तरह भरोसा हो जाता है,तब वे धावा बोलते हैं। संदिग्ध लोग अक्सर पकड़े जाते हैं फिर उन्हें पुलिस को सौंपा जाता है,लेकिन बिना पहचान व कार्रवाई के छोड़ दिया जाता है।

    शाम होते ही ही दुकानें बंद कर रतजगा कर रहे व्यापारी व ग्रामीण

    तुर्काडीहा के पवन मोदनवाल ने कहा कि पहले दस बजे रात तक टिकिया फुल्की की दुकान चलती थी और अब सात बजे से ही सन्नाटा छा जाता है। व्यापारी नेता हरीश भारती का कहना है कि दिन डूबते ही दुकानें बंद होने लगती हैं।

    बाहर रहे लोग घर भागने लगते हैं जबकि माह भर पहले रात 11 बजे तक बाजार गुलजार रहती थी। बभनी में पूजन पंडाल के आयोजक पंकज तिवारी ने बताया कि पिछले नवरात्र में पर्दे पर रातभर रामायण दिखाया जाता था,जिसके दर्शक दान भी देते थे लेकिन अब न कोई रामलीला देखने जा रहा है नही दुर्गा पूजा। ऐसे में इस बार पूजन व आयोजन खर्च निकाल पाना मुश्किल लग रहा है।