Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मरीजों को बांट दिया 3000 अधोमानक कैप्सूल

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 12 Mar 2022 09:53 PM (IST)

    नंदलाल तिवारी गोंडा सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी की आ रही शिकायतों के बीच अब

    Hero Image
    मरीजों को बांट दिया 3000 अधोमानक कैप्सूल

    नंदलाल तिवारी, गोंडा: सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी की आ रही शिकायतों के बीच अब गुणवत्ता भी सवालों में है। पेट संबंधी बीमारियों से निदान के लिए अस्पतालों में आपूर्ति किया गया लेक्टोवैसलस कैप्सूल जांच में अधोमानक पाया गया है। इसके बाद इसके वितरण पर रोक लगा दी गई है। जब तक यह आदेश अस्पतालों में पहुंचता तब तक महिला अस्पताल में आपूर्ति किए गए 30 हजार कैप्सूल में से तीन हजार का वितरण मरीजों को कर दिया गया है। फिलहाल, शेष स्टाक को अलग कर दिया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उप्र मेडिकल सप्लाइज कारपोरेशन लिमिटेड ने सितंबर 2021 में सरकारी अस्पतालों में पेट संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए कैप्सूल की आपूर्ति की थी। निर्माता फर्म मेसर्स कोटेक हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड हरिद्वार उत्तराखंड के माध्यम से इसे गोंडा, सुल्तानपुर, हरदोई, लखीमपुर के अतिरिक्त जालौन, हमीरपुर, झांसी, कन्नौज, हाथरस, इटावा, कानपुर देहात, चंदौली, कौशांबी, उन्नाव, फतेहपुर, कुशीनगर, फिरोजाबाद, एटा, देवरिया, बुलंदशहर, वाराणसी, बदांयू, जौनपुर, गाजीपुर, बिजनौर, गोरखपुर व कानपुर नगर के अस्पतालों में भेजा गया था। कानपुर नगर स्थित कारपोरेशन के ड्रग वेयर हाउस से इसका नमूना जांच के लिए औषिधि विभाग ने लिया था। राजकीय विश्लेषक चंडीगढ़ की जांच रिपोर्ट में कैप्सूल के नमूने को अधोमानक बताया गया है। इसके बाद कारपोरेशन के गुणवत्ता नियंत्रक महाप्रबंधक ने संबंधित जिलों तत्काल दवा वितरण पर रोक लगाने को कहा है। यहां तो बंट चुके हैं कैप्सूल

    - जिले को आपूर्ति किए गए कैप्सूल में से तीस हजार का स्टाक महिला अस्पताल को भेजा गया था। इसमें से तीन हजार कैप्सूल का वितरण अब तक किया जा चुका है। शेष स्टाक का वितरण रोक दिया गया है। जिला अस्पताल व पीएचसी बरगदी व वीरपुर में अभी वितरण नहीं किया गया था। ऐसे में इसे वापस भेजने को कहा गया है। ड्रग वेयर हाउस प्रभारी मनीष उपाध्याय ने बताया कि निर्देश के क्रम में कार्रवाई की जा रही है। पहले भी आ चुके हैं मामले

    - इससे पहले फरवरी 2021 में बेचैनी व उलझन की बीमारी में मरीजों को दी जाने वाली अल्प्राजोलम दवा की गुणवत्ता पर भी सवाल उठे थे। इसका भी नमूना जांच में अधोमानक पाया गया था।