Gonda Accident: सात सीटों वाली बोलेरो पर बैठी थी 16 सवारी, नियमों की अनदेखी ने ले ली 12 लोगों की जान
12 श्रद्धालुओं की मौत की घटना में सीत सीटों वाली बोलेरो में 16 लोग सवार थेजो हादसे का कारण बन गया। खास बात यह है कि मोतीगंजधानेपुर व इटियाथोक से होकर जा रही इस बोलेरो की न तो किसी जगह पुलिस की चेकिंग हुई और न ही किसी ने रोकटोक की। यह लापरवाही 11 लोगों की जिंदगी निगल गई।

संवाद सूत्र, गोंडा। 11 श्रद्धालुओं की मौत की घटना में सीत सीटों वाली बोलेरो में 16 लोग सवार थे,जो हादसे का कारण बन गया। खास बात यह है कि मोतीगंज,धानेपुर व इटियाथोक से होकर जा रही इस बोलेरो की न तो किसी जगह पुलिस की चेकिंग हुई और न ही किसी ने रोकटोक की। यह लापरवाही 12 लोगों की जिंदगी निगल गई।
मोतीगंज के सीहागांव से पृथ्वीनाथ मंदिर के लिए रवाना हुई श्रद्धालुओं की बोलेरो में केवल सात सीट ही थी लेकिन खरगूपुर के पृथ्वीनाथ मंदिर पर जलाभिषेक व पूजन करने के उत्साह के लिए चलते श्रद्धालुओं को कोई मना नहीं कर पाया। इसका चालक सीतासरन भी नौसिखिया बताया जा रहा है, लेकिन अति उत्साह में वह वाहन चलाने से मना नहीं कर पाया।
यही नहीं दोगुना से अधिक सवार हो चुके श्रद्धालुओं को ले जाने से भी वह मना नहीं कर पाया, जिससे बोलेरो में सात की जगह 16 सवारियां हो गईं। इससे ओवरलोड बोलेरो मोड़ पर पहुंचते ही अनियंत्रित हो गई, जो 12 लोगों की जिंदगी निगल गया। एआरटीओ आरसी भारतीय ने बताया कि वर्ष भर पहले गाड़ी लखनऊ में निजी वाहन की श्रेणी पंजीकृत हुई थी, जिसकी फिटनेस समेत अन्य सभी कागजात दुरुस्त थे। ओवरलोड वाहनों के खिलाफ नियमित अभियान चलाया जाता है।
पहले भी हो चुके हैं ओवरलोडिंग के चक्कर में हादसे
कमाई के चक्कर में ओवरलोडिंग सवारियां ढोने का सिलसिला यहां जिंदगी निगल रहा है फिर भी इस पर रोक नहीं लग पा रही है जबकि इसके लिए परिवहन विभाग के प्रवर्तन टीम के साथ यातायात पुलिस व स्थानीय थानों की पुलिस को भी चेकिंग कर कार्रवाई की जिम्मेदारी है। गत दिनों कर्नलगंज में ओवरलोड बस पलट गई थी,जिसमें क्षमता से दो गुण ज्यादा सवारियां बैठी थीं।
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