Updated: Fri, 18 Jul 2025 07:07 PM (IST)
ढेमवाघाट (गोंडा) में घाघरा नदी खतरे के निशान से एक मीटर दूर है जबकि सरयू बढ़ रही है। नवाबगंज और साकीपुर में कटान जारी है जिससे खेत और घर प्रभावित हैं। बारिश के कारण सरयू का जलस्तर बढ़ रहा है और लोग बिजली कटौती से परेशान हैं। पीड़ितों को अभी तक कोई मदद नहीं मिली है केवल लेखपाल ने मुआवजे का आश्वासन दिया है।
संवाद सूत्र, ढेमवाघाट (गोंडा)। घाघरा नदी खतरे के लाल निशान से एक मीटर दूर होकर स्थिर बनी है, जबकि सरयू लगातार बढ़ रही है। हालांकि, वह खतरे के निशान से डेढ़ मीटर दूर है। 72 हजार क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है। दो की बजाय अब तीन जगहों पर बाढ़ का पानी कटान करने लगा है। नवाबगंज के बाणी माझा व दुर्गागंज माझा में पुराने सरयू पुल के पिलर से टकराकर नदी परती खेत काट रही है।
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साकीपुर के चहलावा में राम मिलन यादव के घर के सामने लगे बिजली का खंभा व राम मनोरथ यादव के छप्पर भी कटान की जद में है। बारिश के चलते सरयू नदी का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। बाढ़ का पानी साकीपुर के चहलावा में परती खेत काट रहा है। कटान के चलते चहलावा निवासी राम मनोरथ यादव ने भिटहुर व आवासीय छप्पर को वहां से हटा लिया है। अघोषित बिजली कटौती बाढ़ पीड़ितों के लिए मुसीबत बनी हुई है।
रामदीन यादव ने कहा कि सुबह करीब तीन बजे के आसपास बारिश शुरू हुई थी,तब से बिजली नहीं आई। 12 घंटे बीत जाने के बाद भी बिजली आपूर्ति ठप है। गर्मी में उमस से लोगों का हाल बेहाल है। कटान के बाद भी कोई जिम्मेदार गांव तक नहीं पहुंच पाया है। महज कागजों में पीड़ितों की मदद का दावा किया जा रहा है।
कछार पर बसे कटान पीड़ित परिवारों के सदस्य बीमारी के चपेट में हैं। स्वास्थ्य विभाग का कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा है। जुकाम बुखार से पीड़ित ग्रामीण झोलाछाप डाक्टर से इलाज करवा रहे हैं। लेखपाल ओमप्रकाश वर्मा ने कहा कि कटान पीड़ितों की सूची तैयार कर ली है। रिपोर्ट भेजकर जल्द ही क्षतिपूर्ति दिलाया जाएगा।
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