पोस्टमार्टम के लिए भी आठ घंटे का इंतजार, कब चेतेंगे जिम्मेदार
गोंडा संत आसाराम बापू के आश्रम में कार में किशोरी का शव मिलने का मामला तीन डाक्टरों के पैनल ने किया पोस्टमार्टम।

नंदलाल तिवारी, गोंडा : इसे सरकारी सिस्टम की लापरवाही कहें या फिर कुछ और। नगर कोतवाली के बिमौर गांव स्थित संत आसाराम बापू के आश्रम में खड़ी कार में मिले किशोरी के शव को सुबह पांच बजे ही पुलिस ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा दिया। आठ घंटे तक इंतजार के बाद दोपहर एक बजे के करीब पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू हुई। इसको लेकर सामाजिक संगठनों ने सरकारी मशीनरी को सवालों में खड़ा किया है।
संत आसाराम बापू के आश्रम के परिसर में खड़ी कार में किशोरी का शव मिलने की सूचना पर प्रशासन व पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। आसपास के लोगों को जब तक जानकारी होती तब तक सुबह पांच बजे ही पुलिस शव को लेकर पुलिस लाइंस स्थित पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गई। यहां पर कर्मियों को फोन करके शव को अंदर रखवा दिया। मौके पर पुलिस की टीमी को लगा दिया गया।
इसके बाद लिखा पढ़ी का दौर शुरू हुआ। पुलिस अधिकारी कभी पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर जानकारी ले रहे थे तो कभी मौके पर। इसी भागदौड़ में वक्त बीतता रहा। हालांकि प्रशासन ने स्वास्थ्य अधिकारियों को पहले ही पैनल बनाने व अन्य व्यवस्था करने को कहा था। प्रभारी सीएमओ डा. जय गोविद ने बताया कि सुबह ही डीएम आवास से इस बाबत फोन आया था। इसके बाद पैनल व अन्य प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। करीब 12 बजे सीओ सिटी लक्ष्मीकांत गौतम का फोन आने के बाद पैनल में शामिल डाक्टरों को भेजा गया। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया।
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पोस्टमार्टम हाउस में डटी रही पुलिस
- सुबह से ही पोस्टमार्टम हाउस पर स्थानीय नागरिकों के साथ ही पुलिस अधिकारी मौजूद थे। एसपी संतोष कुमार मिश्र भारी पुलिस बल के साथ यहां पर मौजूद थे। ऐसे में पोस्टमार्टम हाउस के बगल दूर दराज से आने वाले लोगों के बैठने के लिए बनाए गए कमरे में ताला लटकता रहा।
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तय हो जिम्मेदारी
- पोस्टमार्टम के लिए प्रतिदिन चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई जाती है। इसका निर्धारण सीएमओ करते हैं। नवंबर से रात में भी शव का पोस्टमार्टम कराने का निर्देश हुआ था। इसके बाद भी किशोरी के शव को पोस्टमार्टम के लिए आठ घंटे तक इंतजार करना पड़ा। अधिवक्ता सुरेंद्र मिश्र का कहना है कि पोस्टमार्टम में देरी करने वालों का उत्तरदायित्व तय किया जाए।
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