ट्रेन कैंसिल थी, मगर... रेलवे की इस हरकत पर कन्ज्यूमर कोर्ट सख्त, 10580 का जुर्माना लगाया; ये है मामला
गाजीपुर में ट्रेन निरस्त होने के बाद भी रेलवे द्वारा टिकट रद्द करने के शुल्क काटने पर उपभोक्ता प्रतितोष आयोग ने उत्तर पूर्व रेलवे गोरखपुर पर 10580 रुप ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गाजीपुर। ट्रेन के निरस्त होने के बाद भी रेलवे ने टिकट की रकम वापसी करते समय उसमें कटौती कर दी। जिस पर जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयोग ने उत्तर पूर्व रेलवे गोरखपुर के महाप्रबंधक के खिलाफ आदेश सुनाते हुए 10 हजार 580 रुपये का जुर्माना लगाया है। दो माह के अंदर यह राशि नहीं देने पर परिवादी विधिक कार्रवाई भी कर सकता है।
शहर कोतवाली के ददरीघाट निवासी राजेश कुमार वर्मा ने 12 अक्टूबर 2022 को जिला उपभोक्ता प्रतितोष आयाेग में परिवाद दाखिल किया था। बताया कि 25 जुलाई 2022 को गाजीपुर से कोलकाता जाने वाली ट्रेन में अपना और अपनी पत्नी इंदू वर्मा के लिए दो टिकट 3230 रुपये 2ए में आरक्षित कराया था।
वहीं 28 जुलाई 2022 को कोलकाता से गाजीपुर के लिए शब्दभेदी एक्सप्रेस में दो टिकट 3290 रुपये देकर आरक्षित कराया था। 25 जुलाई की सुबह दस बजे मोबाइल पर मैसेज आया कि कोलकाता जाने वाली ट्रेन गाजीपुर सिटी स्टेशन पर नहीं आएगी। इस पर भागे-भागे स्टेशन गया तो पता चला कि ट्रेन को निरस्त कर दिया गया है।
ट्रेन निरस्त, फिर भी काटे कैंसिलेशन चार्ज
इसके बाद रेलवे से टिकट वापस कराया। इसमें 120 रुपये निरस्तीकरण चार्ज काटकर 3110 रुपये और वापसी टिकट में 460 रुपये काटकर 2750 रुपये वापस किया गया। ट्रेन निरस्त होने पर भी आरक्षित टिकट की राशि से 580 रुपये काट दिया गया।
इससे नाराज राजेश कुमार वर्मा ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में परिवाद दाखिल किया। आयोग के अध्यक्ष सुजीत कुमार श्रीवास्तव, सदस्य रणविजय मिश्र व दीपा रानी ने सभी पत्रावलियों का अवलोकन करने के साथ ही दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना।
आयोग ने सुनाया ये फैसला
आयोग ने फैसला सुनाते समय कहा कि रेलवे ने ऐसा कोई नियम या विनियम दाखिल नहीं किया है कि गाड़ी निरस्त होने पर भी काउंटर से लिए गए टिकट के निरस्त कराने पर कोई कटौती की जाएगी। ऐसे में उपभोक्ता के प्रति सेवा में कमी की गई है।
आदेश दिया कि दो माह के अंदर टिकटों की अवशेष राशि 580 रुपये, शारीरिक आर्थिक क्षतिपूर्ति के लिए पांच हजार एवं परिवाद व्यय के पांच हजार रुपये भुगतान करें। अन्यथा की स्थिति परिवादी विधिक कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा।
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