गाजीपुर में गंगा में मछली पकड़ रहे व्यक्ति की वज्रपात से मौत, दूसरे को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया
गाजीपुर जिले में शुक्रवार को गंगा नदी में मछली पकड़ रहे दो व्यक्तियों पर वज्रपात हुआ जिसमें त्रिलोकी बिंद की मृत्यु हो गई और सुनील झुलस गए। बारिश के दौरान आकाशीय बिजली नाव पर गिरने से यह हादसा हुआ। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर घायल को अस्पताल पहुंचाया।

जागरण संवाददाता, गाजीपुर। लगातार हो रही बारिश की वजह से एक बार फिर गंगा का जलस्तर बढ़ने की आशंका से तटवर्ती लोग डरे हुए हैं तो दूसरी ओर लगातार बारिश और वज्रपात से हादसे भी हो रहे हैं।
नियाजी मोहल्ला के निकट गंगा नदी में मछली पकड़ने गए दो व्यक्तियों पर वज्रपात गिरने से एक की मृत्यु हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को उपचार के लिए अस्पताल भेजा, जबकि मृतक के शव को अपने कब्जे में ले लिया।
नोनहरा थाना क्षेत्र के गठिया गांव के निवासी 50 वर्षीय त्रिलोकी बिंद और चौराही गांव के 40 वर्षीय सुनील प्रतिदिन मछली पकड़ने के लिए गंगा घाट पर आते थे। शुक्रवार को भी वे दोपहर में गंगा में नाव लेकर पहुंचे। जैसे ही वे गंगा की धारा में आगे बढ़े, अचानक बारिश शुरू हो गई और आकाशीय बिजली नाव पर गिर गई। इस घटना में त्रिलोकी की मौके पर ही मृत्यु हो गई, जबकि सुनील झुलस गए। गंगा में मछली पकड़ रहे अन्य लोगों ने किसी तरह सुनील को बाहर निकाला।
यह घटना स्थानीय लोगों के लिए एक चेतावनी है कि मौसम के अचानक परिवर्तन के दौरान जल में मछली पकड़ने से बचना चाहिए। वज्रपात की घटनाएं अक्सर मानसून के दौरान होती हैं, और इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए सावधानी बरतना आवश्यक है।
पुलिस ने बताया कि त्रिलोकी बिंद के परिवार को सूचना दे दी गई है और वे घटना की जांच कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और मृतक के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है।
गंगा नदी में मछली पकड़ने का कार्य स्थानीय लोगों के लिए एक पारंपरिक व्यवसाय है, लेकिन इस प्रकार की घटनाएं उनकी सुरक्षा को खतरे में डाल सकती हैं। मौसम विज्ञानियों ने भी चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में बारिश और वज्रपात की संभावना बनी रहेगी, जिससे लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
इस घटना ने यह भी दर्शाया है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति जागरूकता और सुरक्षा उपायों का पालन करना कितना महत्वपूर्ण है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ही जल में उतरें और किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तुरंत सहायता प्राप्त करें।
इस प्रकार की घटनाएं न केवल व्यक्तिगत नुकसान का कारण बनती हैं, बल्कि समाज पर भी गहरा प्रभाव डालती हैं। त्रिलोकी बिंद की आकस्मिक मृत्यु ने उनके परिवार और समुदाय में शोक की लहर दौड़ा दी है। इस घटना से सभी को यह सीखने की आवश्यकता है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सजग रहना और सुरक्षा उपायों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है।
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