Israel-Iran Conflict: इजरायल में घर से 100 मीटर की दूरी पर गिरीं मिसाइलें, दहशत में पूर्वांचल के हजारों श्रमिक
Israel-Iran Conflict: ईरान-इजरायल युद्ध के कारण पूर्वांचल के 5000 से अधिक भारतीय श्रमिक इजरायल में फंसे हैं, जिससे उनके परिवार चिंतित हैं। हालांकि, इजरायल की उन्नत सुरक्षा प्रणाली और बंकरों के कारण श्रमिक सुरक्षित हैं, उन्हें हमलों से पहले अलर्ट मिल जाता है। कुछ श्रमिक युद्ध जारी रहने पर भारत लौटने पर विचार कर रहे हैं, जबकि कुछ पहले ही लौट चुके हैं। भोजन और काम की कोई समस्या नहीं है।
Israel-Iran Conflict: इजराइल में ईरान के तरफ से दागी गई मिसाइल। (फाइल फोटो)
शिवानंद राय गाजीपुर : ईरान के साथ युद्ध के बीच इजरायल में पूर्वांचल के पांच हजार से अधिक श्रमिक फंसे हैं। वहां उनकी जान सांसत में हैं तो यहां उनके परिवार के लोगों की नींद हराम हैं। ईरान की ओर से दिन-रात दागी जा रही मिसाइलें और बम की आवाज दिल दहला देती हैं। कई बार तो आस-पास भी गिरतीं हैं. हालांकि सुकून यह है कि इजरायल सरकार के आधुनिक तकनीकी के कारण धमाकों से पहले ही लोग सुरक्षित बंकरों में चले जाते हैं।
पूर्वांचल के गाजीपुर, बलिया, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर, चंदौली, मीरजापुर सहित अन्य जिलों से कामगार मोटी पगार के लालच में इजरायल गए हैं। एक अनुमान के मुताबिक, वहां जाने वाले पूर्वांचल के विभिन्न जनपदों के कामगारों का आंकड़ा करीब पांच हजार से अधिक है। सभी लोग नौ माह पहले इजरायल गए थे। कुछ लोग तो इससे पहले के भी गए हैं।
ईरान-इजरायल युद्ध से सबसे अधिक चिंतित वहां गए श्रमिकों के स्वजन हैं। इजरायल में रह रहे हरिहरपुर गांव के मुकेश चौहान ने वीडियो काल पर बताया कि घर से 50 से 100 मीटर की दूरी पर ड्रोन व मिसाइलें गिर रहीं हैं। इजरायल अधिकांश मिसाइल व ड्रोन को हवा में ही मार गिरा देता है।
मिसाइल गिरने से दस से 15 मिनट पहले मोबाइल फोन पर अलर्ट का संदेश आ जाता है। सायरन भी बजने लगते हैं। लोग फौरन बंकरों में चले जाते हैं। मुकेश ने बताया कि अगर जल्द ही युद्ध बंद नहीं हुआ तो कामगार भारत लौटने पर विचार कर सकते हैं। वैसे भोजन और कामकाज को लेकर कोई दिक्कत नहीं हैं। मुकेश रूस की योलियम कंपनी के माध्यम से पांच साल के लिए इजरायल गए हैं।
इसी गांव के श्रवण चौहान का कहना है कि इजरायल ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे हैं लेकिन पता नहीं मिसाइल व बम कब और कहां गिर जाए। इजरायल में हरिहरपुर गांव के 12 युवक काम कर रहें हैं। घरों को पहुंच रहा नुकसान, बंकरों में सुरक्षित दुल्लहपुर: कादिलशाहपुर गांव निवासी पांच कामगार ईरान के हमले के बावजूद बंकर में पूरी तरह सुरक्षित हैं।
सोमवार को हुई बातचीत राजा चौहान, राधेश्याम चौहान, नंदलाल चौहान, सुरेश चौहान, व मनीष चौहान ने बताया कि इजराइल के एयर डिफेंस सिस्टम के माध्यम से मिसाइल अटैक का पहले पता चल जाता है। फिर वह बंकर में सुरक्षित पहुंच जाते हैं।
हमले के 10 मिनट पहले बजती है मोबाइल पर घंटी
मीरजापुर : इजरायल की राजधानी तेल अवीव में काम कर रहे पड़री कपसौर के श्याम कुमार बिंद ने बताया कि लड़ाई के बावजूद कोई खतरा नहीं है। हमले के 10 मिनट पहले मोबाइल पर घंटी बजने लगती है। वहीं पांच मिनट के पहले हमले का सायरन बजने लगता है। इसके बाद कामगार बंकरों में पहुंच जाते हैं।
जनपद से श्याम कुमार बिंद, राम चिरंजीव, सतीश कुमार, रमेश कुमार, अतुल कुमार, राहुल कुमार, पंकज कुमार, श्रवण कुमार, रमेश चौधरी, राजीव कुमार, रामलाल, सचिन कुमार, इंद्र प्रकाश, महेंद्र लाल, राजू राय, इकबाल अहमद, शिव कुमार, संदीप कुमार, छाटे लाल निषाद और सतीश कुमार, राम आशीष पाल, घनश्याम साहनी सहित कुल 22 श्रमिक इजरायल में कार्य कर रहें हैं। इजरायल काम करने गए कमलेश साहनी, अमरेश कुमार और बृजेश कुमार, धनेश कुमार, जीतलाल सोनकर और संतोष कुमार घर लौट आए हैं।
जनपद से इजरायल में काम करने के लिए कुल 28 श्रमिक पीबीएस संस्था के माध्यम से गए हैं। इनमें से छह श्रमिक वापस लौट आए हैं। वर्तमान में 22 श्रमिक वहां कार्य कर रहें हैं। विदेश मंत्रालय लगातार श्रमिकों से संपर्क में है। श्रम विभाग की ओर से भी समय-समय पर श्रमिकों से बातचीत की जाती है।
सतीश कुमार, सहायक श्रमायुक्त, मीरजापुर।
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