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    गाजीपुर जेल में चल रहा था अवैध फोन बूथ, मोबाइल से कैद‍ियों की बात कराने वाले जेलर-डिप्टी जेलर सस्‍पेंड; मची खलबली

    Updated: Tue, 18 Mar 2025 12:27 PM (IST)

    गाजीपुर जेल में अवैध फोन बूथ संचालन के मामले में डीजी जेल ने कड़ी कार्रवाई करते हुए जेलर राकेश वर्मा और डिप्टी जेलर सुखावती को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। वहीं जेल अधीक्षक के खिलाफ जांच बैठा दी है। इस कार्रवाई से कारागार में खलबली मची हुई है। जेल में संचालित इस अवैध बूथ से बात कराने के लिए बंदियों से प्रति मिनट 20 रुपये लिए जाते थे।

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    जेलर राकेश कुमार वर्मा और ड‍िप्‍टी जेलर सुखवती देवी।- फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। गाजीपुर के जिला कारागार से अवैध फोन बूथ चलाने के मामले में गाजीपुर कारागार के जेलर राकेश कुमार वर्मा और डिप्टी जेलर सुखवती देवी को निलंबित कर दिया गया है। डीआईजी कारागार राजेश कुमार श्रीवास्तव की जांच के आधार पर कारागार अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह के विरुद्ध भी कार्रवाई की सिफारिश की गई है।

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    इसी अवैध फोन बूथ से धोखाधड़ी के आरोप में जेल में बंद गाजीपुर के रेवतीपुर के नगदीलपुर निवासी विनोद कुमार गुप्ता ने पीड़ितों को फोन कर केस वापस लेने की धमकी दी थी। इसके बाद जेल में चलाए जा रहे अवैध फोन बूथ की पोल खुली। देर शाम जेल के दस बंदियों को वाराणसी, जौनपुर व आजमगढ़ जेल में स्थानांतरित करने की तैयारी भी शुरू कर दी गई।

    विनोद नगदलीपुर में बक्सू बाबा एकेडमी नाम से कोचिंग चलाता था। आरोप है कि बिहार में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर उसने 100 से अधिक युवाओं के साथ ठगी की है। बीते दिनों विनोद का एक ऑडियो प्रसारित हुआ था, जिसमें वह बिहार के पूर्वी चंपारण के उसकी ठगी के शिकार श्याम नाम के युवक को फोन करके केस वापस लेने की धमकी दी थी। उसने जेल से कुछ अन्य पीड़ितों को भी इस तरह के फोन किए थे।

    ऑडियो वायरल होने के बाद डीजी कारागार पीवी रामशास्त्री ने डीआईजी कारागार को मामले की जांच सौंपी। जांच में यह बात सामने आई कि बंदी विनोद जेलर व डिप्टी जेलर के साथ साठगांठ करके जेल के अंदर से पीड़ितों को फोन करता था। उसने कुछ पीड़ितों को फोन पर धमकी भी दी थी। पीड़ितों की शिकायत पर चार मार्च को गाजीपुर के रेवतीपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।

    अवैध बूथ से बात कराने के लेते थे 20 रुपये प्रति मिनट

    जिला कारागार में पिछले साल अक्टूबर से संचालित इस अवैध बूथ से बात कराने के लिए बंदियों से प्रति मिनट 20 रुपये लिए जाते थे। दैनिक जागरण में खबर प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद पुलिस की स्वाट और सर्विलांस टीम ने जांच शुरू की और गाजीपुर के जंगीपुर निवासी पम्मी को गिरफ्तार किया। पम्मी ने ही जेल के अंदर सिम पहुंचाया था। इसके बाद जिलाधिकारी आर्यका अखौरी और पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा भी जेल पहुंचे। उन्होंने जेलर, डिप्टी जेलर व रीडर की भूमिका संदिग्ध पाई और रिपोर्ट शासन को प्रेषित की।

    जेल प्रशासन के खिलाफ जांच चल ही रही थी कि इसी बीच जेल में विचाराधीन कुछ बंदियों ने मुख्यमंत्री, राज्य मानवाधिकार, कारागार मंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी महानिदेशक, कारागार निदेशक और दैनिक जागरण को पत्र प्रेषित करते हुए जेलर और कुछ बंदियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाया था।

    डीएम आर्यका अखौरी ने बताया क‍ि जेल में ठगी के आरोप में बंद विनोद कु्मार गुप्ता ने बीते दिनों जेल से फोन करके मुकदमा वापस लेने की पीड़ित को धमकी दी थी। पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की तो मैंने और पुलिस अधीक्षक ने जांच की और आरोपों को सही पाया। जांच में पता चला कि जेल में अवैध पीसीओ चल रहा है और पैसे लेकर बंदियों की बात कराई जा रही है। इसमें जेलर का रीडर भी दोषी पाया गया। डीआईजी जेल ने भी जांच की थी। रिपोर्ट के आधार पर जेलर राकेश वर्मा और डिप्टी जेलर सुखावती को निलंबित किया गया है।

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