Gangster Act: क्या है गैंगस्टर एक्ट? गवाह मुकर जाए तो भी सजा से नहीं बच सकता अपराधी; शिकंजे में फंसा माफिया मुख्तार
What is Gangster Act - माफिया मुख्तार के खिलाफ चले मूल केस में बरी हो जाने और गैंगस्टर केस में सजा होने को लेकर लोगों में चर्चा है। इसको लेकर गैंगस्टर क्या है इसके बारे में जानने के लिए अभियोजन पक्ष के सहायक शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव से बातचीत की गई।

संवाद सहयोगी, गाजीपुर। माफिया मुख्तार के खिलाफ चले मूल केस में बरी हो जाने और गैंगस्टर केस में सजा होने को लेकर लोगों में चर्चा है। इसको लेकर गैंगस्टर क्या है, इसके बारे में जानने के लिए अभियोजन पक्ष के सहायक शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव से बातचीत की गई।
उन्होंने बताया कि उस समय तक जो भी धाराएं और अपराध के लिए अभियुक्तगण का ट्रायल होता था, वह गवाहों के पक्षद्रोही होने व अभियुक्त के भय के कारण से उन मुकदमों में अभियुक्त बरी हो जाते थे।
दहशत फैलाने वालों के लिए गैंगस्टर एक्ट
गैंगस्टर एक्ट का प्रावधान इसलिए लाया गया कि वास्तव में जो लोग अपराधी हैं, वह गैंग चलाते हैं और गैंग के प्रभाव से समाज में दहशत फैलाते हैं, ऐसे लोगों के विरुद्ध मजबूत कार्रवाई की जा सके।
इसमें गवाहों के पक्षद्रोही होने से यह नहीं कहा जा सकता कि जो गवाह पक्षद्रोही हुए वह किसी कारण से हुए, लेकिन अभियोजन पक्ष की ओर से यह सिद्ध कर दिया जाए कि गवाह अभियुक्त के भय से पक्षद्रोही हुआ है तो उसे सजा दी जा सके।
अधिकतम दस वर्ष की हो सकती है सजा
मुख्तार अंसारी और सोनू यादव को गैंगस्टर के मामले में कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद उसकी सजा को लेकर चर्चाएं होने लगी। मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता और सहायक शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि इसमें अधिकतम दस वर्ष की सश्रम कारावास की सजा हो सकती है। हालांकि, शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट का निर्णय होगा।
कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध जाएंगे हाईकोर्ट
मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता लियाकत अली ने कहा कि हम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हैं, लेकिन शुक्रवार को जो सजा सुनाई जाएगी और कोर्ट की पत्रावली का अवलोकन करने के बाद हम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध हाई कोर्ट जाएंगे। कहा कि हमें पूर्ण विश्वास है कि हाईकोर्ट से न्याय मिलेगा।
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