UP News: चंदौली के तत्कालीन एसपी सहित 18 पुलिसकर्मियों पर दर्ज केस 24 घंटे में खत्म, वसूली का रेट सिपाही ने किया था VIRAL
चंदौली में एक सिपाही द्वारा पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। मामले में एसपी सहित 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था लेकिन 24 घंटे के भीतर ही मुकदमा खत्म कर दिया गया। वर्ष 2021 में मुगलसराय पुलिस के अवैध कार्यों के एवज में प्रति माह 12.50 लाख रुपये वसूली के रेट की सूची इंटरनेट मीडिया में प्रसारित कर दी थी।

जागरण संवाददाता, गाजीपुर। तीन साल पहले वसूली की लिस्ट प्रसारित करने के बाद सिपाही को बर्खास्त कर जेल भेजने के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वप्न आनंद के आदेश पर चंदौली के तत्कालीन एसपी सहित 18 पुलिसकर्मियों पर दर्ज मुकदमा 24 घंटे के भीतर ही खत्म कर दिया गया।
एसपी ने बताया कि गलत तथ्यों के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। तत्कालीन चंदौली एसपी मौजूदा समय में अलीगढ़ पीएसी की 45वीं बटालियन में कमांडेंट हैं। चंदौली में तैनात सिपाही अनिल कुमार सिंह ने वर्ष 2021 में मुगलसराय पुलिस के अवैध कार्यों के एवज में प्रति माह 12.50 लाख रुपये वसूली के रेट की सूची इंटरनेट मीडिया में प्रसारित कर दी थी।
इसमें तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक मुगलसराय एवं एसपी चंदौली अमित कुमार द्वितीय तक के रेट तय थे। इसके बाद काफी हो-हल्ला मचा था। इस बीच डीआइजी विजिलेंस ने मामले की जांच की थी। इसके बाद चंदौली के तत्कालीन एसपी ने दबाव बनाने के लिए अवैध गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में 28 फरवरी 2021 को अनिल कुमार सिंह को बर्खास्त कर दिया।
इसके बाद भी उसका उत्पीड़न कर दबाव बनाया। पांच सितंबर 2021 को वह अपने नंदगंज के बड़हरा ससुराल आया था। आरोप है कि उसी दौरान एसपी की शह पर मुगलसराय पुलिस, क्राइम ब्रांच समेत अन्य पुलिसकर्मी बड़हरा पहुंचे और उसे अगवा कर हत्या का प्रयास किया।
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सिपाही का आरोप है कि एसपी के इशारे पर नंदगंज से हिरासत में लेने के बाद उसे चंदौली ले जाया गया। दो दिन कस्टडी में रखने के बाद कूटरचित दस्तावेज तैयार कर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत बबुरी थाने में मुकदमा दर्ज कर चालान कर दिया गया। नंदगंज से हिरासत में लेने के दौरान ही प्रार्थी की बेटी खुशबू ने नंदगंज थाने में तहरीर दी और अधिकारियों को शिकायत भेजी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पुलिस अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद कोर्ट ने 21 सितंबर को उक्त सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया था। इसके बाद भी पुलिस दो महीने तक मामले को लटकाए रही। बुधवार की रात को नंदगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद 24 घंटे के अंदर पुलिस ने मुकदमा को विभिन्न साक्ष्यों के आधार पर स्पंज कर दिया।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ था केस
चंदौली के तत्कालीन एसपी आइपीएस अमित कुमार द्वितीय, स्वाट टीम प्रभारी राजीव कुमार सिंह, सर्विलांस प्रभारी अजीत प्रताप सिंह, क्राइम ब्रांच प्रभारी सत्येंद्र कुमार यादव, चकरगट्टा में तैनात आरक्षी आनंद कुमार गोंड़, राणा प्रताप सिंह, भुल्लन यादव, चंदौली पुलिस लाइन में तैनात आरक्षी अमित सिंह, चंदौली सर्विलांस सेल के देवेंद्र कुमार सरोज, प्रेमप्रकाश यादव, नीरज कुमार मिश्रा, कार्यवाहक प्रभारी निरीक्षक धानापुर सत्येंद्र विक्रम सिंह, बबुरी थाने पर तैनात अंकित सिंह, रोहित कुमार, गौरव राय, चालक मनोज कुमार, स्वाट टीम के आनंद सिंह व सर्विलांस के अजीत कुमार के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर नंदगंज पुलिस विवेचना शुरू कर दी है।
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गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक डा. ईरज राजा ने बताया कि पुलिस कर्मी ने झूठे तथ्यों के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया था। जिन तथ्यों को आधार बनाकर सिपाही ने मुकदमा दर्ज कराया था, उसी मामले में दो साल पहले हाई कोर्ट ने उसके आवेदन को खारिज कर दिया था। इसे उसने सीजेएम कोर्ट में छिपाकर याचिका दाखिल की थी। सिपाही पर पहले ही गंभीर अपराध लूट व तस्करी जैसे मुकदमे दर्ज हैं। वह बर्खास्त चल रहा है।
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