गाजियाबाद में इस साल सड़क हादसों में रोजाना एक व्यक्ति की गई जान, नए सिरे से हो रही ब्लैक स्पॉट की पहचान
Year Ender 2025 : गाजियाबाद में इस साल सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिदिन एक व्यक्ति की जान जा रही है। इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए, प्रशासन नए सिरे से ब्ल ...और पढ़ें
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चौधरी मोड़ के पास जीटी रोड पर लगे जाम की फाइल फोटो। जागरण आर्काइव
विनीत कुमार, गाजियाबाद। गाजियाबाद के लिए वर्ष 2025 सड़क सुरक्षा के लिहाज से सबसे चुनौतीपूर्ण साल साबित हुआ। बीते पांच वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल हादसों में मौत का औसत रोज एक व्यक्ति रहा, जो पांच साल में सबसे अधिक है।
यातायात पुलिस, परिवहन विभाग और प्रशासन द्वारा लगातार जागरूकता अभियान, ओवरस्पीडिंग पर चालान, पेट्रोलिंग और इंजीनियरिंग सुधार के प्रयासों के बावजूद सड़क हादसे थम नहीं सके। इस साल कुल 1007 दुर्घटनाओं में 376 मौतें और 769 लोग घायल हुए, जो बताता है कि जिले की सड़कें आम सफर के बजाय खतरे का गलियारा बन गईं।
ब्लैक स्पॉट पर नया मंथन
जिले में फिलहाल 22 घोषित ब्लैक स्पॉट हैं, जिनमें एनएच-9 पर मणिपाल अस्पताल से सद्भावना कट, मेरठ रोड पर घूकना मोड़, मोहननगर जीटी रोड, हापुड़ चुंगी, लोनी इंटर कालेज के पास, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और डीएमई रेस्ट एरिया जैसे संवेदनशील प्वाइंट शामिल हैं।
इन स्थानों पर पिछले वर्षों में सुधार कार्य कराए गए, बैरियर लगाए गए, संकेतक बोर्ड और प्रकाश की व्यवस्था की गई। अब पुलिस इन्हें ब्लैक स्पॉट मुक्त करने की दिशा में अंतिम चरण में काम कर रही है और नए सिरे से उन स्थानों को चिन्हित करेगी, जहां दो या अधिक मौत वाले दुर्घटना बाहुल्य स्थान 500 मीटर के भीतर मिले हैं। यह प्रस्ताव सड़क सुरक्षा समिति की अगली बैठक में रखा जाएगा।
डिजिटल डाटा से मिलेगी मदद
सड़क हादसों का पूरा डाटा अब आइराड (इंटीग्रेटिड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस) पर दर्ज किया जा चुका है। 2022 से 2024 तक का रुझान सिस्टम पर फीड किया गया है। जिससे हादसों का समय, लोकेशन और कारण निकालना आसान हो गया है। पुलिस के अनुसार डाटा आधारित रणनीति से दुर्घटना रोकने के उपाय अधिक वैज्ञानिक और असरदार होंगे।
शून्य मृत्यु रोड की तैयारी
प्रदेश के 20 जिलों में हादसे रोकने के लिए शून्य मृत्यु गलियारा बनाया जा रहा है। इसके तहत एक मार्ग को माडल बनाकर योजना बनाकर हादसे रोकने की तैयारी है। गाजियाबाद इस योजना में शामिल नहीं है, लेकिन कमिश्नरेट पुलिस ने अपने यहां योजना को लागू करते हुए तीन प्रमुख सड़कों को शून्य मृत्यु गलियारा घोषित करते हुए योजना बनाई है।
यातायात पुलिस ने वर्ष 2022 से अक्टूबर 2025 तक के दुर्घटना आंकड़ों के आधार पर मोदीनगर थाना क्षेत्र में दिल्ली-मेरठ रोड को पहला क्रिटिकल कारिडोर और मोदीनगर को क्रिटिकल पुलिस स्टेशन घोषित किया गया है। यहां एक दरोगा और चार हेड कॉन्स्टेबल की सीसीटी(क्रिटिकल कॉरिडोर टीम) तैनात की गई है।
जो ओवरस्पीडिंग, शराब पीकर वाहन चलाना, विपरीत दिशा में वाहन चलाना और बिना हेलमेट, सीट बेल्ट जैसे उल्लंघनों पर प्रवर्तन के साथ हादसा संबंधी मामलों की जांच करेगी। इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस ने डीएमई और मसूरी से आइएमएस कालेज के बीच एनएच-नौ को भी क्रिटिकल कारिडोर के रूप में चिन्हित किया है। जहां जल्द सीसीटी का गठन होगा।
यातायात नियमों का पालन कर सुरक्षित सफर करें
गाजियाबाद में वर्ष 2025 सड़क हादसों की गंभीरता यह स्पष्ट करती है कि प्रवर्तन और इंजीनियरिंग सुधार के साथ-साथ व्यवहार परिवर्तन सबसे जरूरी कड़ी है। दुर्घटना रोकने के लिए तीन स्तंभों पर एक साथ काम करना होगा। निगरानी, सड़क सुधार और मानवीय अनुशासन।
सबसे पहले ओवरस्पीडिंग पर कठोर नियंत्रण अनिवार्य है। तेज रफ्तार 60–70 प्रतिशत मौतों का मूल कारण बनती है। इसके लिए चालान पर्याप्त नहीं, बल्कि स्पीड-कैल्मिंग इंजीनियरिंग जैसे रंबल स्ट्रिप, साइंटिफिक बैरियर प्लेसमेंट, सरप्राइज चेकिंग, और एआई आधारित कैमरा अलर्ट सिस्टम लागू करने होंगे। दूसरा, विपरीत दिशा में वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ रात में 11 बजे से 4 बजे तक विशेष प्रवर्तन शिफ्ट बनाई जाए। सभी क्रिटिकल कारिडोर पर तैनात टीम को ट्रामा फर्स्ट एड और गोल्डन-आवर रेस्पांस ट्रेनिंग दी जाए, जिससे घायल को बचाने की संभावना बढ़े और मृत्यु दर घटे।
पांच साल में हुए सड़क हादसे
| वर्ष | हादसे | मृत्यु | घायल |
|---|---|---|---|
| 2022 | 886 | 363 | 638 |
| 2023 | 991 | 365 | 704 |
| 2024 | 996 | 381 | 781 |
| 2025 | 1007 | 376 | 769 |
इस वर्ष हुए सड़क हादसे
| माह | हादसे | मृत्यु | घायल |
|---|---|---|---|
| जनवरी | 81 | 25 | 57 |
| फरवरी | 79 | 37 | 58 |
| मार्च | 88 | 28 | 73 |
| अप्रैल | 108 | 40 | 85 |
| मई | 105 | 35 | 73 |
| जून | 78 | 24 | 68 |
| जुलाई | 103 | 37 | 77 |
| अगस्त | 88 | 34 | 73 |
| सितंबर | 89 | 35 | 67 |
| अक्टूबर | 96 | 33 | 81 |
| नवंबर | 94 | 48 | 57 |
| कुल | 1007 | 376 | 769 |
कल का पैकेज सुरक्षा-आतंकवाद, गंभीर अपराध एवं महिलाओं के खिलाफ अपराध पर होगा। जिले में वर्ष 2025 में हुए प्रमुख अपराध और अपराधियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर फोकस रहेगा। पुलिस ने बदमाशों पर प्रभावी कार्रवाई के लिए क्या योजनाएं बनाई हैं और उनका भविष्य में क्या लाभ होगा। सेवानिवृत पुलिस अधिकारी का आलेख भी होगा।
एक्सप्रेसवे और हाईवे पर नाइट विजिबिलिटी सुधार के लिए हाई-इंटेंसिटी लाइटिंग, रिफ्लेक्टर स्टड, और नाइट-विजन कैमरे मानक रूप से लगाए जाएं। जनता को यह समझाना होगा कि पुलिस सिर्फ चालान के लिए नहीं, बल्कि उनकी जान बचाने के लिए सड़क पर है। यदि प्रवर्तन में पारदर्शिता, त्वरित रिस्पांस और डाटा आधारित रणनीति अपनाई जाए तो 2026 में गाजियाबाद देश के लिए एक माडल शून्य मृत्यु गलियारा दे सकता है।
- रणधीर सिंह, रिटायर्ड डिप्टी एसपी

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