पब्लिक टॉयलेट के खुले गटर में गिरकर 9 साल के मासूम की मौत, नगरपालिका की लापरवाही पर फूटा लोगों का गुस्सा
मुरादनगर में नगरपालिका की लापरवाही से एक बच्चे की जान चली गई। निर्माणाधीन शौचालय के खुले गटर में गिरने से नौ साल के प्रिंस की मौत हो गई। परिजनों और काॅलोनीवासियों ने हंगामा किया और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने मामला शांत कराया। परिजनों का आरोप है कि नगरपालिका की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ।

निर्माणाधीन पब्लिक टॉयलेट के गटर में गिरकर हो गई प्रिंस की मौत। जागरण
जागरण संवाददाता, मुरादनगर। थाना क्षेत्र की दरगाह में नगरपालिका की लापरवाही के कारण हुए हादसे में निर्माणाधीन शौचालय के खुले गटर में डूबने से एक नौ वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत से गुस्साए उसके स्वजन और काॅलोनी के लोगों ने जमकर हंगामा किया और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
पुलिस ने बच्चे स्वजन को समझा बुझाकर शांत कराया। स्वजन की अनुमति से बच्चे का अंतिम संंस्कार करा दिया गया है। घटना को लेकर बच्चे के स्वजन की ओर से कोई शिकायत नहीं की गई है।
दरगाह काॅलोनी में सोनू अपनी पत्नी प्रीति उर्फ सोनिका के साथ रहते हैं। सोनू मजदूरी करके अपने परिवार का पालन करते हैं। उनका नौ वर्षीय छोटा बेटा प्रिंस चौथी कक्षा में पढ़ता था। सोमवार रात को प्रिंस घर के सामने खेल रहा था।

खेलने के दौरान वह घर के निकट बने निर्माणाधीन सार्वजनिक शौचालय परिसर में चला गया और अंधेरे के चलते शौचालय के नौ फीट गहरे खुले गटर में गिरकर डूब गया। जब काफी देर तक बच्चा घर नहीं लौटा तो परिवार के लोगों उनकी तलाश की।
संदेह होने पर परिवार और कालोनी के लोगों ने गटर के पानी निकाला तो उनमें बच्चे का शव बरामद हुआ। बच्चे को शव मिलते ही उनके मां और परिवार के अन्य लोगों का मारे गम के बुरा हो गया। बच्चे की मां रोते हुए बेहोश हो गई।
वहीं परिवार के लोगों ने हादसे के लिए नगरपालिका जिम्मेदार ठहराया। बच्चे की मौत के विरोध में उनके स्वजन और जमकर हंगामा किया और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की।
हंगामे की सूचना मिलने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और बच्चे के स्जवन को समझा बुझाकर शांत कराया। मंगलवार सुबह स्वजन की सहमति से बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया गया। घटना को लेकर अभी तक कोई तहरीर नहीं दी गई है।
दो वर्ष से चल रहा था शौचालय का निर्माण
बच्चे के स्वजन ने बताया कि काॅलोनी में दो वर्ष पहले शौचालय का निर्माण शुरू हुआ था। बाद में प्रशासनिक कारणों के चलते उनका निर्माण रोक दिया गया। गत दो वर्ष से निर्माण कार्य रुका है है।
पालिकाकर्मियों ने लापरवाही दिखाते हुए शौचालय के नौ फीट गहरे के गटर को बिना ढके ही छोड़ दिया गया था। गटर में महीनों से वर्षा का गंदा पानी भरा हुआ था। इतना ही नहीं शौचालय के परिसर में प्रकाश आदि की भी कोई व्यवस्था नहीं है। अंधेरे के कारण ही बच्चा गटर में गिर गया। लोगों का कहना है कि यदि नगरपालिका समय से शौचालय का निर्माण पर कर देती तो बच्ची की जान नहीं जाती।
गटर में गिरने के चलते बच्चे की मौत की जानकारी सामने आई। शौचालय का निर्माण करा रहा ठेकेदार के खिलाफ लिखित शिकायत की जा रही है। मामले की जांच के बाद अन्य दोषियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी
- डाॅ. शैलेंद्र कुमार सिंह, अधिशासी अधिकारी, नगरपालिका, मुरादनगर

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