लाखों में वेतन लेने वाले लापरवाह सरकारी डॉक्टर पर 'नजर', रोजाना OPD, इमरजेंसी, ऑनकॉल ड्यूटी की होगी जांच
लाखों रुपये वेतन पाने वाले लापरवाह सरकारी डॉक्टरों पर सरकार की नजर है। स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों की कार्यशैली सुधारने के लिए रोजाना ओपीडी, इमरजेंसी और ऑनकॉल ड्यूटी की जांच करने का फैसला किया है। जांच में उपस्थिति, मरीजों को देखने का समय और देखभाल की गुणवत्ता शामिल होगी। लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। पहली बार जिले में तैनात चिकित्सकों के काम का बिंदुवार आकलन होगा। अधिकारी एक -एक चिकित्सक के काम की निगरानी करेंगे। डेढ़ से तीन लाख रूपये मासिक वेतन लेने वाले चिकित्सकों की कुल ओपीडी, सर्जरी, वार्डों में भ्रमण, आनकाल चिकित्सा के साथ इमरजेंसी सेवाओं का ब्यौरा बनाया जाएगा।
जिला स्वास्थ्य समिति की पीपीटी में इसे मुख्य रूप से शामिल किया जाएगा।चिकित्सक कब आया, कितने मरीज देखे, इमरजेंसी और वार्ड में विजिट किया या नहीं, ऑनकाॅल मरीज देखने पहुंचे अथवा नहीं इसकी पूरी रिपोर्ट बनेगी। जिले में तीन सौ से अधिक चिकित्सक तैनात हैं। फिर भी छोटी छोटी बीमारी और हल्की चोट पर घायलों को रेफर कर दिया जाता है।
जिले में तैनात कई चिकित्सक सुबह को ओपीडी में दस से 11 बजे पहुंचते हैं और एक बजे ही घर चले जाते हैं। प्रशिक्षु चिकित्सकों के भरोसे ओपीडी चल रही है।
इसके अलावा तीन जिला स्तरीय अस्पतालों के अलावा छह सीएचसी में इमरजेंसी में रात्रि को कोई भी चिकित्सक आनकाल नहीं पहुंचता है जबकि फिजिशियन, बाल रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, आर्थो सर्जन, नेत्र रोग विशेषज्ञ,ईएनटी, दंत रोग विशेषज्ञ के साथ निश्चेतक की आनकाल ड्यूटी का हर महीने रोस्टर जारी होता है।
यहां तैनात चिकित्सकों की होगी निगरानी
- जिला एमएमजी अस्पताल
- जिला महिला अस्पताल
- संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल
- 50 बेडेड डूंडाहेडा अस्पताल
- 50 बेडेड लोनी अस्पताल
- सीएचसी लोनी
- सीएचसी डासना
- सीएचसी मुरादनगर
- सीएचसी मोदीनगर
- सीएचसी बम्हैटा
- सीएचसी भोजपुर
- 15 पीएचसी
- 53 यूपीएचसी
- 84 नगरीय आयुष्मान आरोग्य मंदिर
- एनसीडी विंग
- आरबीएसके
'जिला स्वास्थ्य समिति के समक्ष चिकित्सकों का पूरा विवरण रखा जाएगा। डीएम स्तर से इस संबंध में सख्त निर्देश दिये गये हैं कि सीएचसी, यूपीएचसी, पीएचसी, नगरीय आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर तैनात चिकित्सक रोज कितने मरीज देखते हैं, कितने बजे ओपीडी में पहुंचते हैं और कितने बजे घर जाते हैं, इसकी रोज रिपोर्ट बनाई जाये।"
-डाॅ. अखिलेश मोहन, सीएमओ
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