यति नरसिंहानंद की बढ़ेंगी मुश्किलें, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पुलिस कमिश्नर को लेकर बिगड़े बोल; केस दर्ज
डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के खिलाफ वेव सिटी थाने में भड़काऊ बयान देने और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पुलिस कमिश्नर और एसीपी के खिलाफ टिप्पणी करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। यति ने लोनी विधायक के समर्थन में बयान जारी किया था। इसके बाद वेव सिटी थानाध्यक्ष सर्वेश कुमार पाल ने यति नरसिंहानंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद गिरी के खिलाफ वेव सिटी थाने में शुक्रवार देर रात भड़काऊ बयान देने, राष्ट्रपिता, कमिश्नर और एसीपी के खिलाफ टिप्पणी करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। यति ने शुक्रवार को लोनी विधायक के समर्थन में बयान जारी किया था। इसके बाद वेव सिटी थानाध्यक्ष सर्वेश कुमार पाल ने यति नरसिंहानंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यति पर पूर्व में भी भड़काऊ भाषण देने और धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं।
लोनी में बृहस्पतिवार को रामकथा के लिए कलश यात्रा निकालने को लेकर हुए विवाद में लोनी विधायक खुलकर सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं। शुक्रवार को डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद गिरी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ टिप्पणी की थी। यति ने पुलिस आयुक्त अजय मिश्रा पर भी टिप्पणी करते हुए अन्न त्यागने की घोषणा करते हुए वीडियो प्रसारित किया था।
वेव सिटी थाने में नरसिंहानंद के खिलाफ केस दर्ज
यति ने कहा था कि वह पुलिस आयुक्त कार्यालय पर सोमवार को जाकर जल का त्याग का प्राण देंगे। पुलिस ने वीडियो का संज्ञान लेते हुए यति नरसिंहानंद के खिलाफ वेव सिटी थाने में शुक्रवार देर रात मुकदमा दर्ज कर लिया। शनिवार को यति ने मुकदमे के विरोध में कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा है। सोमवार को वह अकेले पुलिस आफिस जाएंगे। पुलिस जो कार्रवाई उचित समझे वह करे।
प्रसारित वीडियो के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। मामले में जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। - उपासना पांडेय, एसीपी वेव सिटी
कौन हैं यति नरसिंहानंद?
ऐसा कहा जाता है कि डासना स्थित देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती का असली नाम दीपक त्यागी है। वह मूलरूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के रहने वाले हैं। गुरु से दीक्षा लेने के बाद उन्होंने अपना नाम यति नरसिंहानंद रख लिया। इसके बाद न तो कोई दीपक त्यागी के नाम से बुलाता है और न ही वह खुद इसकी चर्चा पसंद करते हैं।
नरसिंहानंद के अनुसार, 1989 में वह उच्च शिक्षा के लिए रूस गए थे। वर्ष 1994 में डिग्री हासिल करने के बाद 1997 में स्वदेश लौट आए। वहीं, इससे पहले यानी डिग्री लेने के साथ ही वह मास्को में ही बतौर इंजीनियर अपनी सेवाएं देते रहे। कुछ महीने नौकरी करने के बाद वर्ष 1997 में मां के बीमार पड़ने के कारण नरसिंहानंद गाजियाबाद लौट आए।

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