Ghaziabad News: दो गांवों में सुनी गई बायलर फटने की आवाज, दहशत में नींद से जाग गए लोग
Boiler explosion in Ghaziabad बायलर फटने की आवाज से मोदीनगर के आसपास के गांवों में दहशत फैल गई। लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और एक-दूसरे का हालचाल लेने लगे। फैक्टरी में हुए धमाके से आसपास के मकानों में भी दरारें आ गई हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। इस लेख में पढ़िए पूरी खबर।

जागरण संवाददाता, मोदीनगर।Ghaziabad Boiler explosion: बायलर फटने की आवाज कई किलोमीटर दूर अतरौली और मुकीमपुर गांव तक सुनी गई। गहरी नींद सो रहे लोग जाग गए। लोग दहशत में आ गए। वह एक-दूसरे का काल करने लगे। अफरातफरी का माहौल गांवों में बन गया।
कुछ देर बाद जब पता चला कि फैक्टरी में धमाका हुआ है तो लोग उधर की ओर दौड़े। क्षेत्र के लोग दिनभर हादसे की चर्चा करते रहे। ग्रामीणों ने कहा कि यदि फैक्ट्री के आसपास मकान होते तो उनमें दारारें आ सकती थीं।
फैक्ट्री की टूटी खिड़की
बायलर फटने के बाद उसके आगे का हिस्सा इतनी तेजी से फैक्ट्री की न केवल दीवार गिर गई बल्कि खिड़की भी टूटकर गिर गई। बायलर के इस हिस्से में 100 किलो वजन था। हिस्से की चपेट में आकर फैक्ट्री में रखी कई मशीन भी क्षतिग्रस्त हो गई।

बायलर के पास टूटे बोल्ट पड़े थे। बायलर के साइड में परत भी उखड़ गई थी। उसके अंदर लोहे के रोल रखे थे, जिन पर रबड़ चढ़ाई जानी थी। इसके अलावा धमाके के चलते फैक्टरी की टिन शेड आदि भी निकलकर दूर जा गिरी।
आसपास के थानों से बुलाया गया बल
हादसे के बाद फैक्ट्री में लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। ऐसे में हंगामे की स्थिति को देखते हुए भोजपुर के अलावा मोदीनगर, निवाड़ी, भोजपुर, मसूरी समेत आसपास के थानों से भी बल बुलाया गया।
घर में सो रहा था। इसी बीच तेज आवाज से आंख खुल गई। ऐसा लगा जैसे कोई विस्फोट हो गया। घर के बाहर आया तो आस-पड़ोस के लोग इसी बारे में बातें कर रहे थे।
विक्रांत कुमार, ग्रामीण
बायलर में नहीं था अलार्म, बिना ऑपरेटर हो रहा था काम
फैक्ट्री संचालक के पास अग्निशमन विभाग की एनओसी नहीं थी। आग बुझाने के उपकरण भी नहीं लगे थे। कामगारों को भी काम करते समय सेफ्टी उपकरण नहीं दिये गए। बायलर में अलार्म नहीं लगा था है। बायलर से बोल्ट ढीले होने की कामगारों ने शिकायत की थी लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
बायलर में तापमान मीटर भी नहीं था। हादसे के समय फैक्ट्री में एक भी टेक्नीशियन नहीं था। बायलर के दोनों आपरेटर आजाद और फुरकान बृहस्पतिवार को ईद की छुट्टी पर चले गए। ऐसे में कामगारों को बायलर चलाने की जानकारी नहीं थी।

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