Ghaziabad: गेमिंग ऐप पहले हैक, फिर 20 बैंकों में पैसा ट्रांसफर; एक करोड़ का चूना; तीन गिरफ्तार
Ghaziabad News साइबर क्राइम थाना पुलिस ने रियल 11 गेमिंग ऐप के पेमेंट गेटवे को हैक कर एक करोड़ रुपये की ठगी करने वाले तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपित अपने यूजर आईडी और वॉलेट बनाकर गेमिंग ऐप में थोड़ी धनराशि जमा करते थे और फिर सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी करके वालेट में जमा राशि को कई गुना बढ़ाकर दिखाते थे। इसके बाद कंपनी से रिफंड ले लेते थे।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गेमिंग ऐप रियल 11 के पेमेंट गेटवे को हैक कर एक करोड़ रुपये 20 बैंक खातों में रिफंड लेकर ठगी करने वाले तीन आरोपितों को साइबर क्राइम थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपित अपने यूजर आईडी और वॉलेट बनाकर गेमिंग ऐप में थोड़ी धनराशि जमा करते थे।
इसके बाद ऐप के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी करके वालेट में जमा राशि को कई गुना बढ़ाकर दिखाते थे। इसके बाद कंपनी से रिफंड ले लेते थे। ऐसा करीब 500 बार किया गया। पुलिस ने एक आरोपित के बैंक खाते में 25 लाख रुपये फ्रिज किए हैं। मामले में एक आरोपित झारखंड की जेल में बंद है जबकि कई आरोपित फरार हैं।
साइबर क्राइम थाने में दर्ज कराई थी शिकायत
रियल 11 गेमिंग ऐप के मालिक अमित यादव ने साइबर क्राइम थाने में बीती 27 नवंबर को शिकायत दर्ज कराई थी कि 17 जुलाई 2024 से 18 नवंबर 2024 के बीच उनके ऐप के जरिए एक करोड़ एक हजार रुपये की धनराशि धोखाधड़ी कर निकाली गई है।
साइबर क्राइम थाना पुलिस ने जांच के बाद बुधवार को इस मामले में बाराबंकी के फतेहपुर थानाक्षेत्र स्थित कुतलूपुर निवासी देशराज, उसके बेटे आकाश और अभिषेक कुमार को विजयनगर से गिरफ्तार किया है। देशराज और उसका बेटा 10वीं तक पढ़े हैं जबकि अभिषेक आईटीआई किए हुए हैं।
पुलिस ने बरामद की ये चीजें
पूछताछ में देशराज ने बताया कि उसका बेटा रजनीश और दूसरा बेटा आनंद इस ठगी का मास्टरमाइंड है। रजनीश तमिलनाडु में रहकर और आनंद झारखंड में रहकर इस साइबर अपराध को अंजाम दे रहे थे।
रजनीश अब भी फरार है, जबकि आनंद वर्तमान में झारखंड की पलामू जेल में बंद है। दोनों ही साइबर ठगों के साथ मिलकर काम करते हैं। पुलिस ने आरोपितों से दो मोबाइल, पांच चेकबुक, 10 बैंक पासबुक और छह डेबिट कार्ड बरामद किए हैं।
जमा धनराशि को कई गुना दिखाकर ऐसे लिया रिफंड
देशराज ने बताया कि दोनों बेटों ने अन्य साथियों के साथ मिलकर रियल 11 ऐप के पेमेंट गेटवे और साफ्टवेयर में एपीआई (सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग इंटरफेस) के माध्यम से हैकिंग की। उन्होंने ट्रांजेक्शन मैनीपुलेशन और मल्टीपल टाइम्स कांटेस्ट कैंसिल तकनीक का प्रयोग कर वॉलेट में जमा धनराशि को कई गुना बढ़ा दिया और अपने बैंक खाते में रिफंड प्राप्त कर धनराशि निकाल ली।
पुलिस के मुताबिक आरोपितों ने बेहद छोटी धनराशि गेमिंग एप के वालेट में डाली। फिर बिना खेले ही अपनी धनराशि को सॉफ्टवेयर में हैकिंग के जरिए कई गुना दिखा दिया। रिफंड प्रोसेस करते समय कंपनी को वॉलेट में जो धनराशि दिखी वही वापस कर दी गई। कंपनी को अपने खाते में जमा धनराशि और रिफंड में भारी अंतर आने पर गड़बड़ी का पता चलने पर पुलिस के पास मामला पहुंचा।
गांव में बनाया मकान, खरीदी कार
पुलिस के मुताबिक जांच में सामने आया है कि देशराज का बेटा आनंद और रजनीश साइबर ठगों के गिरोह में शामिल है। ठगी की रकम से देशराज ने गांव में बड़ा मकान बनाया है और एक कार भी खरीदी है। उसके फरार बेटे रजनीश की भी तलाश की जा रही है।
मामले में कई आरोपित फरार हैं। जिन अन्य बैंक खातों में रिफंड लिया गया है उनके खाताधारकों की तलाश की जा रही है। शीघ्र सभी आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा।
पीयूष कुमार सिंह, एडीसीपी क्राइम
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