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    अरे कितना शातिर निकला ये PhD होल्डर, बैंक खाते में करोड़ों की ट्रांजेक्शन; विदेशी कनेक्शन की जांच और खुले बड़े राज

    By vinit Edited By: Kapil Kumar
    Updated: Thu, 20 Mar 2025 06:13 PM (IST)

    साइबर ठगी के एक बड़े मामले में गाजियाबाद पुलिस ने पीएचडी किए युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने तीन प्रतिशत कमीशन पर अपना बैंक खाता साइबर अपराधियों को ...और पढ़ें

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    गाजियाबाद पुलिस ने ठगी के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जागरण फोटो

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। देश के 14 राज्यों में 28 लोगों से हुई आठ करोड़ रुपये की ठगी के मामले में साइबर क्राइम थाना पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी मुरादाबाद निवासी बाबू खान है। आरोपी एमए, पीएचडी है।

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    पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपी ने तीन प्रतिशत कमीशन पर अपना खाता साइबर अपराधियों को मुहैया कराया हुआ था। पुलिस की जांच में सामने आया कि जिस एप के जरिए ठगी की गई वह बांग्लादेश में तैयार कराया गया था। पुलिस आरोपी के विदेश से कनेक्शन की जांच कर रही है।

    गाजियाबाद में कहां से किया गिरफ्तार

    बीते वर्ष जुलाई में अरुण मेहता ने साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कराते हुए बताया था कि उनसे शेयर बाजार में मुनाफे का झांसा देकर 11 जून को करीब आठ लाख रुपये की ठगी की गई है। इस मामले में जांच करते हुए साइबर क्राइम थाना पुलिस ने मुरादाबाद के दोलरा गांव निवासी बाबू अली को विजय नगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया है।

    वहीं, पूछताछ में आरोपी ने बताया कि बीते वर्ष उसकी मुलाकात दिल्ली निवासी इकबाल चौधरी से हुई थी। इकबाल ने उसे बिहार के मधुबनी निवासी आफताब आलम से मिलाया। आफताब ने उसे बिहार के आरा निवासी इकबाल से मिलवाया। आरोपियों ने उसे साइबर ठगी में बैंक खाता उपलब्ध कराने पर मोटी कमाई का लालच दिया।

    आरोपी ने पूछताछ में उगला ये सच

    इसके बाद उससे तीन प्रतिशत कमीशन के लालच पर बैंक खाता ले लिया। अरुण मेहता से हुई साइबर ठगी में आरोपी बाबू अली के बैंक खाते में ही धनराशि ट्रांसफर हुई थी। उसका बैंक खाता पूरे गिरोह को ऑपरेट करने वाले विदेश में बैठे बदमाश इस्तेमाल कर रहे थे। इसके खाते में पुलिस को बीते वर्ष जून में दो करोड़, 10 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन मिला है। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसे कमीशन के रूप में तीन लाख रुपये मिलने थे, लेकिन उसे अभी तक 35 हजार रुपये ही मिले हैं।

    एप बना बांग्लादेश में, गूगल ने बैन किया

    पुलिस के मुताबिक, पीड़ित अरुण मेहता को शेयर ट्रेडिंग में कमाई का झांसा देकर एप के जरिए ट्रेडिंग कराई गई। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसके गैंग के सदस्य लोगों को वॉट्सएप ग्रुप में जोड़कर लिंक भेजकर फर्जी शेयर ट्रेडिंग एप अवीवा एफटीएसई में खाता खुलवाकर निवेश के बहाने विभिन्न बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर कराकर साइबर ठगी करते हैं। अवीवा एफटीएसई एप को गूगल ने प्ले स्टोर से हटा दिया है।

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    14 राज्य के लोगों से हुई ठगी

    पुलिस की जांच में सामने आया है कि इस गैंग ने 14 राज्यों के 28 लोगों से करीब आठ करोड़ रुपये की ठगी की गई है। इनमें आंध्र प्रदेश, आसाम, बिहार, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, तेलंगाना और यूपी के लोग ठगी के शिकार हुए हैं।

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    गिरोह के विदेशी कनेक्शन की जांच की जा रही है। फरार आरोपियों की तलाश में भी टीमों को लगाया गया है। - पीयूष कुमार सिंह, एडीसीपी अपराध