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    Ghaziabad News: साढ़े चार साल बाद वार्ड -83 से आशुतोष शर्मा का पार्षद पद छिना, अब कुसुम सिंह को मिली जिम्मेदारी

    By Pradeep Kumar ChauhanEdited By:
    Updated: Mon, 29 Aug 2022 06:13 PM (IST)

    आशुतोष शर्मा ने बतौर भाजपा प्रत्याशी और कुसुम सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। 26 नवंबर 2017 को चुनाव संपन्न हुआ और तीन दिसंबर 2017 को नतीजे घोषित किए गए जिसमें आशुतोष को 2229 और कुसुम को 2202 मत प्राप्त हुए आशुतोष को पार्षद घोषित किया गया।

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    Ghaziabad News: तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को आदेशित किया।

    गाजियाबाद [अभिषेक सिंह]। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने भाजपा नेता आशुतोष शर्मा का दिसंबर 2017 में पार्षद के पद पर हुआ निर्वाचन शून्य घोषित किया है। उनके स्थान पर चुनाव में उप विजेता रहीं कुसुम सिंह को वार्ड - 83 का पार्षद घोषित किया गया है।

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    आशुतोष शर्मा गाजियाबाद के राजेंद्र नगर के साथ ही दिल्ली के विश्वास नगर विधानसभा से मतदाता थे, उन्होंने चुनाव के वक्त जमा किए गए शपथ पत्र में अपने हस्ताक्षर नहीं किए थे, कई कालम में जरूरी सूचनाएं नहीं दी थी, जिस कारण अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किए हैं, इसके साथ ही तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध दंडात्मक विभागीय कार्यवाही के लिए भी जिलाधिकारी को आदेशित किया है।

    कुसुम सिंह ने बताया कि 2017 में हुए नगर निकाय के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उनको वार्ड संख्या-83 से पार्षद प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन नामांकन दाखिल करने से एक दिन पहले भाजपा के तत्कालीन महानगर अध्यक्ष ने आशुतोष शर्मा को चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया।

    ऐसे में आशुतोष शर्मा ने बतौर भाजपा प्रत्याशी और कुसुम सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। 26 नवंबर 2017 को चुनाव संपन्न हुआ और तीन दिसंबर 2017 को नतीजे घोषित किए गए, जिसमें आशुतोष को 2,229 और कुसुम को 2,202 मत प्राप्त हुए, आशुतोष को पार्षद घोषित किया गया।

    इसके बाद कुसुम ने जनवरी 2018 में अदालत में केस दायर किया, जिसमें उन्होंने बताया कि आशुतोष शर्मा दो जगह से मतदाता हैं, जबकि नियम के तहत प्रत्याशी को एक ही जगह से प्रत्याशी होना चाहिए। दूसरा उन्होंने शपथ पत्र में आवश्यक सूचनाएं नहीं दी हैं, अपने हस्ताक्षर तक नहीं किए हैं। ऐसे में उनका निर्वाचन शून्य घोषित किया जाए।

    अदालत में दोनों पक्षों को सुना गया और 24 अगस्त 2022 को फैसला सुनाया, जिसमें आशुतोष शर्मा का निर्वाचन शून्य घोषित करने के साथ ही याची या द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले अन्य प्रत्याशी को निर्वाचित घोषित करने का आदेश सुनाया और तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को आदेशित किया। अदालत के आदेश का अनुपालन करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने सोमवार को कुसुम सिंह को वार्ड-83 का पार्षद घोषित किया है।