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    Agriculture News : क्‍या करें जब खेत हो छोटी और उपजाने हों एक साथ तीन पैदावार, किसानों को मिल रहा लाभ

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 03:09 PM (IST)

    यदि किसी किसान के पास आधा बीघे के खेत का टुकड़ा है तो उसे तालाब की शक्ल देकर मछली पालन कर सकता है। मछलियों के साथ ही तालाब की पानी में सिघांड़े और मखाने उपजाए जाते हैं। खेत के चारों किनारे पर पोपलर के पेड़ उगाए जाते हैं और पेड़ों के तनों पर तार बांधकर उनमें बेलदार सब्जियों को उगाया जाता है। इसके अलावा अन्‍य भी तरीके हैं।

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    सीमित भूमि पर एक साथ तीन पैदावार लेने का मंत्र बनी एकीकृत कृषि पद्धति

    विजयभूषण त्यागी, मुरादनगर। कम होते जोत के आकार और रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल के कारण घटती मृदा गुणवत्ता के कारण परेशान किसानों के लिए एकीकृत कृषि आशा की किरण बन गई हैं। कम आकार के खेत में एकीकृत कृषि से किसान एक समय चार पैदावार हासिल करके न केवल आर्थिक लाभ कमा रहे हैं, बल्कि उद्यमिता से जुड़कर से विकास के नए रास्ते भी खोल रहे हैं। बड़ी संख्या में किसान कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के पास एकीकृत कृषि के संबंध में जानकारी हासिल कर रहे हैं।

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    पुश्तैनी विभाजन से ज़मीनें हुईं छोटी

    तेज से फैलते नगरीय क्षेत्र और पुश्तैनी विभाजन के कारण क्षेत्र के किसानों के पास सीमित मात्रा में भूमि रह गई। कृषि विभाग के अनुसार गाजियाबाद क्षेत्र में प्रति किसान कृषि भूमि का आकार साढ़े सात बीघा है।

    कम भूमि में पारंपरिक फसलें उगाकर किसान अपने परिवार के लिए आर्थिक सुरक्षा की गारंटी नहीं कर सकते हैं। यह भी प्रश्‍न है कि गन्ना किसानों का अरबों रुपये चीनी मिल पर बकाया हैं।

    ऐसे में एकीकृत कृषि अपना किसान भूमि के छोटे से टुकड़े में एक साथ तीन या चार तक पैदावार करके प्राप्त कर सकते हैं। वैसा ही जैसे दुहाई गांव की रहने वाली एक महिला किसान ने कर दिखाया है।

    दुहाई गांव की रहने वाली महिला किसान मंजू यादव लंबे समय से एकीकृत कर रही हैं। कृषि के क्षेत्र के नवाचार को बढ़ावा देने के लिए मंजू यादव को अलग अलग सरकारी व निजी मंचों पर सम्मानित किया जा चुका है।

    इस प्रकार होती है एकीकृत कृषि

    यदि किसी किसान के पास आधा बीघे के खेत का टुकड़ा है, तो उसे तालाब की शक्ल देकर मछली पालन कर सकता है।

    मछलियों के साथ ही तालाब की पानी में सिघांड़े और मखाने उपजाए जाते हैं। खेत के चारों किनारे पर पोपलर के पेड़ उगाए जाते हैं और पेड़ों के तनों पर तार बांधकर उनमें बेलदार सब्जियों को उगाया जाता है।

    तालाब के कोने में बाड़ा लगाकर मुर्गियां पाली जाती है। इतना ही नहीं मुर्गियों के उपशिष्ट को मछलियों के लिए चारे के तौर पर प्रयोग किया जाता है।

    इस पद्धति प्रत्येक अपशिष्ट का इस्तेमाल उत्पाद के रूप में किया जा सकता है।

    वर्तमान समय एकीकृत कृषि के लिए है उपयोगी

    जानकारों के अनुसार वर्तमान समय एकीकृत कृषि के लिए के सबसे उपयोगी है। इन दिनों हो रही वर्षा के कारण मछली पालन के लिए भूजल का इस्तेमाल नहीं करना होता है। वर्षा का पानी ही तालाब को भर देता है।

    कमाई बढ़ा सकते हैं किसान

    "एकीकृत कृषि भविष्योंमुखी विचार है, आने वाले समय में कृषि भूमि और भी कम होगी। ऐसे में छोटे किसान इस प्रकार की तकनीक को अपनाकर अपने लिए आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।"

    – पीके कुंडू, प्रभारी, कृषि विज्ञान केंद्र, मुरादनगर

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