Ghaziabad Lawyers Mahapanchayat Today: वकीलों की हड़ताल समाप्त, जिला जज कोर्ट का करेंगे बहिष्कार; महापंचायत में लिए गए फैसले
Ghaziabad Lawyers Strike Update कचहरी में 14 दिन बाद सोमवार से कामकाज शुरू होगा। जिला जज कोर्ट में 29 अक्टूबर को वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में चल रही हड़ताल समाप्त हो गई है। शनिवार को कलेक्ट्रेट के बाहर हुई महापंचायत में वकीलों ने न्यायिक कार्य शुरू करने का निर्णय लिया है लेकिन आंदोलन जारी रहेगा। इसकी महापंचायत में कड़े शब्दों में निंदा की गई।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। कचहरी में 14 दिन बाद सोमवार से कामकाज शुरू होगा। जिला जज कोर्ट में 29 अक्टूबर को वकीलों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में चल रही हड़ताल समाप्त हो गई है। शनिवार को कलेक्ट्रेट के बाहर हुई महापंचायत में वकीलों ने न्यायिक कार्य शुरू करने का निर्णय लिया है, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा।
अधिवक्ता जिला जज को हटाए जाने तक उनकी कोर्ट का बहिष्कार करेंगे और प्रदेश भर में प्रत्येक बुधवार को हड़ताल रखेंगे। मांगें नहीं माने जाने पर 29 नवंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का घेराव करेंगे।
जिला जज पर कार्रवाई की मांग
शनिवार को वकीलों की महापंचायत में विभिन्न जनपदों से आए बार एसोसिएशन पदाधिकारियों ने अपनी बात रखी। बार एसोसिएशन अध्यक्ष दीपक शर्मा के मुताबिक जिला जज पर कार्रवाई होने तक अधिवक्ता उनकी कोर्ट में उपस्थित नहीं होंगे। यदि इसमें कोई अड़चन पैदा होती है, सभी की जिम्मेदारी प्रशासनिक जज, मुख्य न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय की समझी जायेगी।
सप्ताह में कार्रवाई की मांग
एक सप्ताह में जनपद न्यायाधीश का निलंबन, ट्रांसफर या बर्खास्तगी नहीं हुई तो प्रत्येक बुधवार को पूरे प्रदेश में हड़ताल रहा करेगी। जिला जज गाजियाबाद अनिल कुमार दशम के विरुद्ध निलंबन व अवमानना की कार्यवाही का संज्ञान उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय द्वारा नहीं लिए जाने पर रोष व्यक्त किया गया।
पुलिस कर्मियों पर हो कार्रवाई
वकीलों का कहना था कि लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों व पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही भी नहीं की गई। प्रदेश सरकार के खिलाफ रोष प्रकट किया गया। चार नवंबर को बार काउंसिल ऑफ यूपी के अह्वान पर उत्तर प्रदेश, समन्वय समिति दिल्ली, एनसीआर व उत्तरी भारत के वकीलों द्वारा कार्य बहिष्कार करने के बाद भी संज्ञान न लेना एक बड़ा मुद्दा है।
इसकी महापंचायत में कड़े शब्दों में निंदा की गई। महापंचायत में विचार विमर्श के बाद हड़ताल स्थगित करने का प्रस्ताव पास किया गया।
वकीलों की मांग
- जिला जज का ट्रांसफर एवं निलंबन हो।
- लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों का निलंबन हो।
- वकीलों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस लिए जाएं।
- लाठीचार्ज में घायल वकीलों को उचित सहायता राशि दी जाए।
- लाठीचार्ज के दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआइआर दर्ज की जाए।
पंजाब और हरियाणा के वकील नहीं आए, समर्थन दिया
बार एसोसिएशन ने महापंचायत में पंजाब, दिल्ली और हरियाणा के वकीलों को भी आमंत्रित किया था। बार सचिव अमित नेहरा के मुताबिक पंजाब और हरियाणा के वकील महापंचायत में नहीं आ पाए, लेकिन उन्होंने सूचित किया कि पंजाब और हरियाणा में गाजियाबाद के वकीलों के आंदोलन के समर्थन में शनिवार की हड़ताल रखी गई है।
बच्चों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की
झांसी के अस्पताल में अग्निकांड में मारे गए बच्चों की आत्मा की शांति के लिए वकीलों ने अपनी बैठक शुरू करने से पहले प्रार्थना की। दो मिनट का मौन रखने के बाद बैठक शुरू की गई। बच्चों की मौत मामले में उचित कार्रवाई की मांग की गई।
वकीलों की महापंचायत में लिए गए निर्णय
- वकील जिला जज की कोर्ट का बहिष्कार करेंगे और बाकी कोर्ट में काम करेंगे।
- मांगें नहीं माने जाने पर 29 नवंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का घेराव करेंगे।
- वकीलों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई न करने का सरकार पर आरेाप। उपचुनाव का बहिष्कार करेंगे अधिवक्ता।
- सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मिलने के लिए बार अध्यक्षों की एक समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति मुख्य न्यायाधीशों से मिलकर जिला जज पर कार्रवाई की मांग करेगी।
90 हजार से ज्यादा केसों में कचहरी में हड़ताल के कारण अगली तारीख लग चुकी है।
10 हजार केस रोजाना विभिन्न कोर्ट में सुनवाई के लिए लगते हैं।
वकीलों का आंदोलन जारी रहेगा। प्रत्येक बुधवार को न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। सोमवार से कचहरी में कामकाज शुरू करेंगे, लेकिन जिला जज कोर्ट में उपस्थित नहीं होंगे। -दीपक शर्मा, अध्यक्ष, बार एसोसिएशन
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।