Lok Sabha Elections: एक चुनाव ऐसा भी... जब यूपी की इस सीट से दहाड़ा था शेर, धुरंधर हुए थे ढेर
Lok Sabha Elections 1967 में लोकसभा चुनाव ऐसे समय हुआ था जब पूरे देश में कांग्रेस पार्टी का वर्चस्व हुआ करता था। गाजियाबाद सीट से एक निर्दलीय प्रत्याशी ने कांग्रेस पार्टी से उस समय के सांसद को चुनाव में हरा दिया था। उस निर्दलीय प्रत्याशी का भाषण सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आते थे। उसे शेर चुनाव चिह्न दिया गया था।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। वर्ष 1957 में गाजियाबाद को हापुड़-गाजियाबाद संसदीय सीट में शामिल कर दिया गया था। इस वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में कृष्ण चंद्र शर्मा इस संसदीय क्षेत्र के पहले सांसद बने और इसके बाद कमला चौधरी ने वर्ष 1962 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर संसद का मार्ग प्रशस्त किया था।
प्रकाशवीर के आगे सभी हो गए ढेर
यह वह दौर था, जब पूरे देश में कांग्रेस का वर्चस्व हुआ करता था। इसके बाद 1967 में लोकसभा चुनाव हुए। इस बार कांग्रेस ने फिर से कमला चौधरी पर दांव लगाया, लेकिन इस बार उनके सामने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर प्रकाशवीर शास्त्री और रिपब्लिकन पार्टी से बीपी मौर्य ने पर्चा भरा था। प्रकाशवीर शास्त्री को शेर चुनाव चिह्न दिया गया और उनके सामने सभी धुरंधर ढेर हो गए। जनता उन्हें चुनकर सांसद बनाया।
दूसरे जिले से आकर लड़ा था चुनाव
दो बार प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके बालेश्वर त्यागी उन दिनों की याद करते हुए बताते हैं कि 1967 में वह स्नातक के छात्र हुआ करते थे। यह चुनाव बड़ा संघर्षपूर्ण था। प्रकाशवीर शास्त्री मूलत: अमरोहा जिले के रेहरा गांव के रहने वाले थे। गाजियाबाद आकर उन्होंने यह चुनाव लड़ा था। वह बताते हैं कि प्रकाशवीर शास्त्री एक अच्छे वक्ता थे और उनका भाषण सुनने के लिए लोग बहुत-बहुत दूर-दूर से आते थे।
उस वक्त चुनाव के मैदान में त्रिकोणीय संघर्ष था। एक तरफ कांग्रेस की कमला चौधरी थीं तो दूसरी तरफ रिपब्लिकन पार्टी के बीपी मौर्य थे। कमला चौधरी उस वक्त की मौजूदा सांसद थीं और बीपी मौर्य एक सशक्त नेता थे, लेकिन प्रकाशवीर शास्त्री ने दोनों को हराकर सांसद बने।
48 हजार वोटों से जीते थे प्रकाशवीर शास्त्री
वर्ष 1967 में हुए आम चुनाव में प्रकाशवीर शास्त्री को 1,49,943 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रिपब्लिकन पार्टी से चुनाव लड़े बीपी मौर्य को 1,01,875 मत मिले थे। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं कमला चौधरी मात्र 33,988 वोटों से संतोष करना पड़ा था।
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