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    हेड कॉन्स्टेबल पर गिरी गाज, नो पार्किंग में खड़ी कार छोड़ने के एवज में लिए थे 3 हजार रुपये

    Updated: Thu, 21 Nov 2024 03:29 PM (IST)

    गाजियाबाद के इंदिरापुरम कोतवाली क्षेत्र में हैबिटेट सेंटर के बाहर नो पार्किंग में खड़ी कार को छोड़ने के एवज में तीन हजार रुपये रिश्वत लेने के आरोप में यातायात पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल अश्वनी कुमार को निलंबित कर दिया गया। उन पर दो हजार रुपये नकद और बाकी रुपये सोसायटी के गार्ड के खाते में ट्रांसफर कराने का आरोप है। प्रारंभिक जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है।

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    यातायात पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल अश्वनी कुमार को निलंबित किया गया। प्रतीकात्मक फोटो

    जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। इंदिरापुरम कोतवाली क्षेत्र के हैबिटेट सेंटर के बाहर नो पार्किंग में खड़ी कार को छोड़ने के एवज में तीन हजार रुपये लेकर छोड़ने के आरोप के मामले में यातायात पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल अश्वनी कुमार को निलंबित कर दिया गया है। प्रारंभिक जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है।

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    क्या है पूरा मामला?

    वैशाली सेक्टर एक के सिविल इंजीनियर की पत्नी ममता गर्ग 15 नवंबर को हैबिटेट सेंटर में कार से गई थीं। नो पार्किंग में खड़ी कार को यातायात पुलिसकर्मी क्रेन से उठा ले गए थे। आरोप था कि कार छोड़ने की एवज में यातायात पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल अश्वनी कुमार पर तीन हजार रुपये लेने का आरोप लगाया था।

    सोसायटी के गार्ड के खाते में ट्रांसफर कराए रुपये

    पूरे रुपये नहीं होने पर उन्होंने दो हजार रुपये नकद और पास की एक सोसायटी के गार्ड के खाते में 1050 रुपये ट्रांसफर कराए थे। इसकी कोई रसीद भी नहीं दी। कुछ घंटे बाद उनके रात में उनके मोबाइल पर पांच सौ रुपये का चालान कटने का संदेश आया था।

    हेड कॉन्स्टेबल के खिलाफ विभागीय जांच शुरू

    मामला अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त यातायात पीयूष सिंह के संज्ञान में आया तो उन्होंने पूरे प्रकरण की जांच सहायक पुलिस आयुक्त यातायात को सौंपी थी। उन्होंने जांच के बाद रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंप दी।

    यातायात विभाग के नोडल अधिकारी पुलिस उपायुक्त ग्रामीण सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि प्राथमिक जांच के बाद हेड कॉन्स्टेबल अश्वनी कुमार को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।

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    सरकारी कर्मचारी रिश्वत मांगे तो कर सकते हैं शिकायत

    अगर कोई अधिकारी सरकारी काम के लिए रिश्वत मांगता है, तो आप उसे रंगे हाथों पकड़ने के लिए तुरंत टोल फ्री एंटी करप्शन ब्यूरो हेल्पलाइन नंबर 1064 या 1800-180-2022 पर कॉल कर सकते हैं।

    भ्रष्टाचार निवारण संगठन उत्तर प्रदेश के अनुसार, यदि किसी सरकारी विभाग का कोई अराजपत्रित- अधिकारी/कर्मचारी सरकारी काम करने के लिए रिश्वत की मांग करता है, तो आप भ्रष्टाचार निवारण संगठन उत्तर प्रदेश की हेल्पलाइन 9454402484 पर शिकायत कर सकते हैं।

    इन नंबरों पर करें शिकायत

    • भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की हेल्पलाइन: 9454402484
    • डीजी विजिलेंस की हेल्पलाइन: 9454401862