गाजियाबाद में 360 डिग्री पर घूमेगा रावण का सिर,आंख और मुंह से निकलेगी आग
गाजियाबाद में रामलीला मंचन और रावण के पुतले आधुनिक रूप ले रहे हैं। इस साल घंटाघर की रामलीला में पहली बार रावण के पुतले में मोटर का इस्तेमाल किया गया है जिससे उसका सिर घूमेगा। पुतलों को आधुनिक लाइटों से सजाया गया है। इस बार रामलीला समितियों द्वारा ईको फ्रेंडली पटाखों का इस्तेमाल किया जाएगा।

दीपा शर्मा, गाजियाबाद। आधुनिकता के युग में हर क्षेत्र में बदलाव हो रहे हैं। जिसमें पारंपरिक चीजों एवं उत्सव को भी आधुनिकता से जोड़ा जा रहा है। ऐसे में रामलीला मंचन और रावण के पुतले भी आधुनिकता से अछूते नहीं हैं। हर साल जहां रामलीला हाईटेक होती जा रही है तो रावण के पुतलों को भी आधुनिक तरीके से बनाया गया है।
कविनगर, घंटाघर, राजनगर, संजय नगर, राजनगर एक्सटेंशन, विजय नगर समेत अन्य रामलीला मैदानों में बनाए गए पुतलों में अत्याधुनिक लाइटें लगाई गई हैं। जबकी घंटाघर की रामलीला में पहली बार पुतले बनाने में मोटर का इस्तेमाल किया गया है।
इस साल पहली बार जिले में श्री सुल्लामल रामलीला समिति घंटाघर मैदान में रावण के पुतलों को बनाने में आधुनिक इलेक्ट्रिक लाइट के साथ मोटर भी लगाई गई है। रावण के पुतले की गर्दन में मोटर का इस्तेमाल किया गया है। जिससे रावण का सिर 360 डिग्री पर घूमता हुआ दिखाई देगा।
इसके अलावा आंखों और मुंह में भी लाइटों का इस्तेमाल किया गया है। जिससे रावण की आंखों और मुंह में लाल रंग की रोशनी और आग निकलती हुई दिखाई देगी। इसके अलावा तीनों पुतलों में परिधान, गहने आदि भी लाइटों से सजाकर जीवंत बनाए जाएंगे।
बीते सालों में आंखों में लाइट लगाई जाती रही हैं, लेकिन पुतला बनाने में मोटर का इस्तेमाल पहली बार किया गया है। सुल्लामल की रामलीला में तीनों पुतले बनाने में करीब सवा तीन लाख रुपये का खर्चा किया गया है।
सबसे ऊंचा 80 फीट के रावण का होगा दहन
कविनगर स्थित रामलीला मैदान में 80 फीट का रावण का पुतला, मेघनाथ का 70 फीट और कुंभकरण का 75 फीट का पुतला बनाया जा रहा है। इसके अलावा घंटाघर स्थित रामलीला मैदान में रावण का 75 फीट, कुंभकरण का 70 फीट और मेघनाथ का 65 फीट का पुतला बनाकर तैयार किया जा रहा है।
विजय नगर में रावण का पुतला 47 फीट का बनाया गया है। राजनगर एक्सटेंशन में 50 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। राजनगर रामलीला मैदान में 60 फीट का रावण, कुंभकरण 55 और मेघनाथ को 50 फीट का बनाया गया है।
सभी रामलीला मैदान में रावण के पुतले बनकर तैयार हो चुके हैं। दशहरा से एक दिन पहले रावण के पुतलों को खड़ा किया जाएगा। सभी जगह पुतला बनाने में अत्याधुनिक लाइटों का इस्तेमाल किया गया है। एहतियात के तौर पर पुतला दहन करते समय पुतलों में लगी लाइटों से बिजली आपूर्ति बंद कर दी जाएगी।
ईको फ्रेंडली पटाखों का किया जाएगा इस्तेमाल
रामलीला मैदानों में हर साल की तरह इस साल भी रावण, कुंभकरण एवं मेघनाथ के पुतलों में पटाखे लगाए जाएंगे। इस साल ज्यादातर सभी रामलीला समिति द्वारा पुतलों को जलाने के लिए ईको फ्रेंडली पटाखों का इस्तेमाल किया जाएगा।
जिससे पर्यावरण प्रदूषित न हो और पारंपरिक तरीके से आतिशबाजी की भी जा सके। कविनगर, घंटाघर, राजनगर और राजनगर एक्सटेंशन समेत अन्य सभी रामलीला मैदानों में पुतलों दहन करते समय ईको फ्रेंडली पटाखों का इस्तेमाल किया जाएगा।
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