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    धीरे-धीरे खुल रही राजू की असलियत, कैसे बन गया आठ परिवारों का दुलारा; इन 6 सवालों के फेर में उलझी पुलिस

    Updated: Thu, 05 Dec 2024 02:50 PM (IST)

    राजू नाम का एक व्यक्ति हाल ही में गाजियाबाद में अपने परिवार से मिला जो 30 साल पहले अपहरण के बाद वापस लौटा। इसकी कहानी को लेकर पुलिस जांच में जुटी हुई है। पुलिस मामले में अभी कई सवालों के जवाब खोज रही है। देहरादून में रहने वाले एक परिवार का कहना है कि राजू ने चार महीने पहले ही दावा किया था कि वह उनका बेटा है।

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    गाजियाबाद के परिवार के साथ राजू। फोटो- जागरण

    हसीन शाह, गाजियाबाद। कई प्रदेशों की पुलिस को गुमराह कर चुके राजू की असलियत सामने आ गई है। पुलिस की पूछताछ में राजू ने बताया है कि वह मूलरूप से राजस्थान के श्री गंगानगर का रहने वाला है।

    किशोर अवस्था में उसे माता-पिता ने घर से भगा दिया था। इसके बाद वह अलग-अलग राज्यों में आठ परिवारों का बेटा बनकर उनके घर पर रहा और मौज-मस्ती की। उसने किसी भी परिवार को नुकसान नहीं पहुंचाया है।

    पिछले दिनों एक ट्रक चालक सरदार जी भेड़ खरीदने जैसलमेर गए तो बेडियों में बंधा देखकर ट्रक में डालकर दिल्ली ले आए और गाजियाबाद के लिए ट्रेन में बैठा दिया। यहां दो दिन भटकता रहा फिर 24 नवंबर को खोड़ा थाने पहुंचा। पुलिस ने मीडिया में जानकारी दी तो शहीद नगर के तुलेराम पत्नी लीलावती और बेटियों साथ थाने पहुंचे।

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    ''30 साल पहले अपहृत हुआ बेटा मिल गया"

    लीलावती ने राजू के सिर पर बचपन की चोट का निशान और सीने पर तिल देखा तो गले से लगाकर रोने लगीं। परिवार को लगा कि 30 साल पहले अपहृत हुआ बेटा मिल गया। हालांकि, पिता को शक था, लेकिन मां की ममता के आगे वह हार गए।

    इधर, शनिवार को पुलिस को पता चला कि राजू देहरादून के लोहियानगर (पटेल नगर) निवासी कपिल शर्मा के यहां भी चार माह तक मोनू शर्मा बनकर रहा है। वहां भी उसने कहानी यही सुनाई थी, फर्क सिर्फ इतना था कि यहां वह 15 वर्ष पूर्व गायब हुआ मोनू बनकर रहा।

    इसके बाद पुलिस ने राजू को हिरासत में लेकर पूछताछ की और नए सिरे से जांच की तो सीकर के एक परिवार के साथ उसके रहने की बात सामने आई।

    इन सवालों के जवाब बाकी

    1. बेटा बनने से पहले वह परिवार के अंदर तक की जानकारी कैसे हासिल करता है?
    2. वह फोटो में परिवार के उन लोगों को कैसे पहचान लेता है, जो काफी पहले ही मर चुके हैं?
    3. 30 वर्ष पुराने घर के स्ट्रक्चर के बारे में उसे कैसे पता चल जाता है?
    4. हर जगह पुलिस को गुमराह करने में कैसे कामयाब होता है?
    5. जहां उसे जाना होता है, तो वह उस परिवार के लापता बेटे के बारे में कैसे पता करता है?
    6. उसे कैसे पता चला कि तुलेराम के अपहृत बेटे के सीने पर तिल और माथे पर चोट के निशान थे?

    राजस्थान के श्रीगंगानगर का रहने वाला है राजू

    अब पुलिस को पता चला है कि राजू राजस्थान के श्रीगंगानगर का रहने वाला है। उससे परेशान स्वजन ने राजू को किशोर अवस्था में घर से निकाल दिया था। इसके बाद वह अलग-अलग प्रदेशों में आठ परिवारों का बेटा बनकर रहा।

    चार दिन की लंबी पूछताछ के बाद पुलिस को उसने ये बातें बताई हैं। इस बार पुलिस ने श्रीगंगानगर में उसके परिवार के सदस्यों से फोन पर बात भी की है। इधर सच्चाई सामने आने पर राजू ने पुलिस के सामने अपनी कहानी स्वीकार कर ली।