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    गाजियाबाद में लगेगा सीवेज से मीथेन और हाइड्रोजन सल्फाइड गैस निकालने का प्लांट, 20 करोड़ होगा खर्च

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 07:43 PM (IST)

    गाजियाबाद में पहली बार सीवेज से मीथेन और हाइड्रोजन सल्फाइड गैस निकालने के लिए 20 करोड़ रुपये का गैस प्लांट लगाया जाएगा। डूडाहेड़ा एसटीपी में लगने वाले इस प्लांट से प्रतिदिन 6000 केजी गैस का उत्पादन होगा जिसे नगर निगम ईंधन के रूप में इस्तेमाल करेगा। इस प्रोजेक्ट के सफल होने पर अन्य एसटीपी पर भी ऐसे प्लांट लगेंगे।

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    20 करोड़ में सीवेज से मीथेन और हाइड्रोजन सल्फाइड गैस निकालने के लिए लगेगा प्लांट।

    हसीन शाह, गाजियाबाद। पहली बार जिले में सीवेज से मीथेन और हाइड्रोजन सल्फाइड गैस निकालने के लिए 20 करोड़ रुपये से गैस प्लांट लगाया जाएगा। गैस प्लांट में डूडाहेड़ा में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के पानी से गैस संगृहीत कर शोधित की जाएगी।

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    प्लांट से प्रतिदिन 6000 केजी पर मीटर क्यूब गैस का उत्पादन होगा। गैस को नगर निगम ईंधन के रूप में प्रयोग करेगा। इस प्रोजेक्ट के सफल होने पर अन्य एसटीपी पर भी इस तरह के गैस प्लांट लगाए जाएंगे।

    अभी तक एसटीपी का पानी शोधित करने के बाद उसे प्रयोग में लाने का काम किया जा रहा है। पहली बार एसटीपी से गैस निकालने की योजना पर काम शुरू किया जा रहा है। डूडाहेड़ा में 70 एमएलडी की एसटीपी है।

    एसटीपी में सीवेज को शोधित किया जाता है। शोधित पानी का प्रयोग ग्रीन बेल्ट आदि की सिंचाई के लिए किया जा रहा है। सीवेज में सबसे अधिक मीथेन और हाइड्रोजन सल्फाइड गैस पाई जाती है।

    सीवेज से यह गैस निकलकर वातावरण में फैल रही है। ऐसे में निगम ने इस गैस का प्रयोग करने के लिए गैस प्लांट लगाएगा। इस संबंध में नगर आयुक्त ने तीन निजी कंपनी के साथ बैठक की है।

    पीपीपी (सार्वजनिक निजी भागीदारी) माॅडल प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है। गैस प्लांट लगाने के संबंध में तीन कंपनियों के प्रतिनिधि नगर निगम कार्यालय पहुंचे। नगर आयुक्त ने पूरे प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने के संबंध में वार्ता की। इनमें से किसी एक कंपनी को गैस प्लांट लगाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।

    इस तरह की जा रही है प्लानिंग

    मीथेन और हाइड्रोजन सल्फाइड गैस को निगम अपने संसाधनों में ईंधन के रूप में प्रयोग करेगा। वहीं इस गैस को बेचकर राजस्व बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। मीथेन का उपयोग घर के चूल्हे, वाहन और बिजली उत्पादन आदि लिए किया जाता है।

    वहीं हाइड्रोजन सल्फाइड का उपयोग तेल शोधन व चमड़ा शोधन आदि में होता है। मीथेन गैस का प्रयाेग रासायनिक उद्योगों और पेट्रोरसायनों के शोधन में भी किया जाता है। वहीं मीथेन से हाइड्रोजन गैस बनाई जाती है। इससे मेथनाल, अमोनिया और अन्य रसायन बनाए जाते हैं। इसे औद्योगिक प्रयोग के लिए भी बेचा जा सकता है।

    इंदिरापुरम में है 70 एमएलडी का एसटीपी

    इंदिरापुरम में 70 एमएलडी का एसटीपी है। डूडाहैड़ा के बाद गैस प्लांट को इंदिरापुरम में लगाया जाएगा। इंदिरापुरम में एक अन्य एसटीपी का निर्माण कार्य चल रहा है।

    वहीं आने वाले समय में शहर में अन्य स्थानों पर भी एसटीपी बनाए जाएंगे। प्रोजेक्ट के सफल होने पर सभी एसटीपी से गैस को संगृहीत करने की योजना है।

    सेहतमंद होगा वातावरण

    मीथेन गैस स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक है। यह सांस लेने पर आक्सीजन को विस्थापित कर दम घुटने का खतरा पैदा करती है। ज्वलनशील होने के कारण विस्फोट कर सकती है। यह शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस वायुमंडल में गर्मी को रोककर जलवायु परिवर्तन में योगदान करती है।

    यह जमीनी स्तर पर ओजोन बनाती है जो सांस की बीमारियों का कारण बनती है। जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी नुकसान पहुंचाती है। एसटीपी में यह गैस बड़े स्तर पर बनती है। एक ही स्थान पर अधिक मात्रा में गैस विसर्जित होने से पर्यावरण को नुकसान होता है।

    सीवेज से मीथेन और हाइड्रोजन सल्फाइड गैस निकालने के लिए 20 करोड़ रुपये से गैस प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में तीन निजी कंपनियों से बातचीत हुई है। गैस प्लांट में डूडाहैड़ा में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) पर लगेगा।

    - विक्रमादित्य सिंह मलिक, नगर आयुक्त, नगर निगम।

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