गाजियाबाद में एक ही आदमी को पुलिस खोजती रही मुर्दा और अस्पताल जिंदा... पांच घंटे तक चला हाई वोल्टेज ड्रामा
गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में एक 30 वर्षीय अज्ञात युवक को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया। अस्पताल ने पुलिस को सूचना दी जिसके बाद पुलिस शव लेने पहुंची। पता चला कि मरीज की मृत्यु नहीं हुई और वह बिना बताए चला गया। सीएमएस ने संशोधित सूचना भेजी और पुलिस मरीज की तलाश में जुट गई।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: जिला एमएमजी अस्पताल में एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां एक ही आदमी को जहां पुलिस मुर्दा खोजती रही वहीं अस्पताल प्रशासन उसे जिंदा खोज रहा था। यह खोज करीब पांच घंटे तक चली।
अस्पताल की इमरजेंसी में बृहस्पतिवार को ईएमटी रवि कुमार और शाहनवाज ने एक अज्ञात 30 वर्षीय युवक को गंभीर हालत में भर्ती कराया। अस्पताल की ओर से इस संबंध में कोतवाली पुलिस को आवश्यक कार्रवाई के लिए पुलिस सूचना भेज दी।
शुक्रवार सुबह को पुलिस की एक टीम इमरजेंसी में पहुंची और पंचनामा भरने को उक्त मरीज का शव मांगा। शव को देखने को टीम मोर्चरी में पहुंची लेकिन वहां कोई शव नहीं मिला।
दरअसल पुलिस के पास अज्ञात युवक के मरने की सूचना भेज दी गई थी। इसी के आधार पर जनरल डायरी में दर्ज करते हुए पंचनामा करने के लिए पुलिस टीम पहुंची, लेकिन रिकार्ड एवं बीएचटी खंगालने पर पता चला कि मरीज की मृत्यु नहीं हुई है।
तब पुलिस ने पूछा कि मरीज कहां है? अस्पताल इस सवाल का कोई जवाब नहीं दे पाया। छानबीन के बाद सीएमएस डाॅ. राकेश कुमार सिंह ने संशोधित सूचना पुलिस के पास भेजकर मामला खत्म किया। संशोधित पुलिस सूचना में लिखा गया है कि मरीज बिना बताए बेड से भाग गया।
अब नए सिरे से पुलिस इस अज्ञात मरीज की खोज में जुट गई है। सीएमएस का दावा है कि मरीज चोटिल होने के साथ नशे में भी था। पांच घंटे तक अस्पताल में इस प्रकरण को लेकर हंगामा होता रहा।

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