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    गाजियाबाद में अब मरीजों को घर बैठे मिलेगी खून की जांच रिपोर्ट, सीएमओ ने जारी किया सख्त आदेश

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 03:32 PM (IST)

    गाजियाबाद में अब मरीजों को खून की जांच रिपोर्ट ऑनलाइन मिलेगी। सीएमओ ने सभी अस्पतालों को एचएमआइएस को एएलएमआइएस से जोड़ने का आदेश दिया है। एमएमजी अस्पताल में यह सुविधा पहले से है लेकिन ठीक से नहीं चल रही है। मरीजों को रिपोर्ट के लिए अस्पताल के चक्कर काटने पड़ते हैं। इस नए आदेश से मरीजों को सुविधा मिलने की उम्मीद है।

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    खून की जांच रिपोर्ट ऑनलाइन मिलेगी। (सांकेतिक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। शासन के निर्देश पर अब जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों तक में मरीजों को खून की जांच रिपोर्ट ऑनलाइन ही भेजनी होगी। सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने इस संबंध में अस्पतालों के सीएमएस, सीएचसी के प्रभारी और आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर तैनात सीएचओ एवं चिकित्सकों को सख्त आदेश जारी कर दिया है।

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    आदेश में लिखा है कि हेल्थ मैनेजमेंट इन्फोर्मेशन सिस्टम(एचएमआइएस) को लैब मैनेजमेंट इन्फोर्मेशन सिस्टम(एएलएमआइएस) सॉफ्टवेयर से इंटीग्रेट किया जाना जरूरी है। इसके लिए 16 सितंबर को सीएमओ कार्यालय में समस्त लैब टेक्नीशियन को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया था।

    MMG अस्पताल में रोज लिए जाते हैं तीन हजार से ज्यादा सैंपल

    इसके लिए आभा आधारित ओपीडी पंजीकरण वाले मरीजों की प्रयोगशालाओं की जांच रिपोर्ट डिजिटल माध्यम से भेजने का इंतजाम किया जाए। अकेले जिला एमएमजी अस्पताल में रोज तीन हजार से अधिक ब्लड जांच को पांच सौ से अधिक मरीजों के सैंपल लिये जाते हैं। संयुक्त अस्पताल में भी दो सौ मरीजों के खून की जांच होती है।

    जिला महिला अस्पताल में यह संख्या तीन सौ है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर और सीएचसी पर भी रोज सौ से अधिक मरीजों की जांच होती है। जांच रिपोर्ट अगले दिन, दूसरे दिन या फिर तीसरे दिन मरीज के जाने पर ही मिलती है।

    यह स्थिति तब है जबकि पैथालाजी में जांच करने वाली मशीनें अत्याधुनिक हैं। मरीज के मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से जांच रिपोर्ट भेजे जाने की व्यवस्था पांच साल से है। जिले में केवल एमएमजी अस्पताल में यह सुविधा अटक अटककर चल रही है।

    गर्भवती महिलाओं को जिला महिला अस्पताल की चौथी फ्लोर पर जाकर जांच रिपोर्ट खुद ही लेनी पड़ती है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों को कितनी परेशानी होती है। चिकित्सक भी मोबाइल पर जांच रिपोर्ट दिखाने के नाम पर नाराज हो जाते हैं। देखना यह है कि सीएमओ के इस आदेश का असर कितना होगा।