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    Ghaziabad News: गर्भवती महिलाओं को लिए अच्छी खबर, अब खून की जांच के लिए नहीं जाना पड़ेगा चौथी मंजिल

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 09:10 AM (IST)

    गाजियाबाद के जिला महिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के लिए खून की जांच अब आसान हो जाएगी। जांच के लिए सैंपल सेंटर को चौथी मंजिल से भूतल पर स्थानांतरित किया जा रहा है। इससे लिफ्ट की समस्या और टोकन सिस्टम से निजात मिलेगी। एक अक्टूबर से ओपीडी कक्ष संख्या-6 में यह सुविधा शुरू हो जाएगी जहाँ उसी दिन जांच और रिपोर्ट मोबाइल पर भेजने का प्रयास किया जाएगा।

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    गर्भवती महिलाओं की खून की जांच भूतल पर होगी।

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। जिला महिला अस्पताल में खून की जांच कराने को ओपीडी में पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं को लिए अच्छी खबर है। अब खून की जांच को अस्पताल की चौथी मंजिल पर नहीं जाना पड़ेगा।

    लिफ्ट खराब होने और ठीक होने के बारे में भी नहीं सोचना पड़ेगा। चौथी मंजिल स्थित खून के सैंपल एकत्र करने के काउंटर को भूतल पर शिफ्ट करने की तैयारी है। अस्पताल के कार्यवाहक सीएमएस डॉ. अभिषेक त्रिपाठी का कहना है कि स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान के तहत एक अक्टूबर को खून की जांच भूतल स्थित ओपीडी कक्ष संख्या-6 में होने लगेगी।

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    इस कक्ष में अस्पताल के पीछे की ओर एक दरवाजा खोला जाएगा। इसके लिए केवल दीवार तोड़कर विशेष काउंटर बनाया जाना है। सीएमएस का दावा है कि टोकन सिस्टम भी खत्म कर दिया जाएगा। प्रतिदिन चिकित्सक की परामर्श पर होने वाली खून की जांच उसी दिन दो बजे तक अनिवार्य रूप से की जाएंगी। इसके लिये अतिरिक्त लैब टेक्नीशियन लगाने होंगे।

    प्रयास किया जाएगा कि गर्भवती महिलाओं की जांच रिपोर्ट ओपीडी पर्ची में दिये गये मोबाइल नंबर पर उसी दिन या अगले दिन जरूर भेजी जाएगी। इसके अलावा प्रयास किया जा रहा है कि खून की जांच 24 घंटे की जाये। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग से अतिरिक्त स्टाफ की मांग की जा रही है।

    बता दें कि आये दिन लिफ्ट खराब होने से गर्भवती महिलाएं खून की जांच को सीढ़ियों के माध्यम से चौथी मंजिल पर जाती हैं। इसके बाद टोकन नंबर लेकर घंटों बारी का इंतजार करती रहती है। जांच के दो दिन बाद महिलाएं रिपोर्ट लेने को पहुंचती है।

    इससे महिलाएं परेशान होती हैं। सीएमएस ने इस परेशानी को दूर करने के लिए सीएमओ से वार्ता के बाद जांच सेंटर को भूतल पर शिफ्ट करने का निर्णय लिया है। अस्पताल की ओपीडी में रोज पांच सौ से अधिक महिलाएं पहुंचती हैं।