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    गाजियाबाद में रेबीज से बचाव की नई गाइडलाइन जारी, अब इस तरह मामलों में नहीं लगाई जाएगी वैक्सीन

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 05:00 AM (IST)

    गाजियाबाद में रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के तहत नई गाइडलाइन जारी की गई है। इसके अनुसार कुत्ते बिल्ली जैसे रेबीज संदिग्ध पशुओं के संपर्क में आने पर एआरवी लगवाने की जरूरत को कैटेगरी में बांटा गया है। मामूली संपर्क में आने पर वैक्सीन की जरूरत नहीं है जबकि खरोंच या गहरे घाव होने पर वैक्सीन लगवाने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।

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    रेबीज संदिग्ध पशुओं का दूध पीने पर एआरवी लगाने पर भी रोक।

    मदन पांचाल, गाजियाबाद। रात को सोते समय यदि चूहा हाथ-पैर और चेस्ट पर छलांग लगाकर चला गया तो एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने की कतई जरूरत नहीं है। आवारा और पालतू कुत्ते ने यदि हाथ-पैर और मुंह पर टच कर दिया है तो भी एआरवी लगवाने में कोई समझदारी नहीं है।

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    इसके लिए चिकित्सकों से उलझने की भी कोई जरूरत नहीं है। राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के तहत नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है। इसके तहत कुत्ते,बिल्ली, चूहे, बंदर और अन्य रेबीड पशुओं के काटने पर एआरवी लगवाने के लिए कैटेगरी बना दी गईं है।

    पहली कैटेगरी में रेबीड पशुओं द्वारा टचिंग,फीडिंग,त्वचा के संपर्क में आने,उत्सर्जन और स्राव होने को रखा गया है। ऐसे मामलों में साबुन और स्वच्छ पानी से धोना ही काफी है। इस कैटेगरी के लोगों को एंटी रेबीज वैक्सीन नहीं लगाने की सलाह दी गई है।

    जिला एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डा. राकेश कुमार सिंह ने इस संबंध में मिले दिशा-निर्देशों की पुष्टि की है। साथ ही उन्होंने इसका सख्ती से अनुपालन करने के लिए संबंधित चिकित्सक एवं एआरवी कक्ष प्रभारी को निर्देश जारी कर दिए हैं।

    दूसरी कैटेगरी में खरोंच,माइन स्क्रेच और त्वचा के कटने पर साबुन व स्वच्छ पानी से सफाई के साथ एंटी रेबीज वैक्सीन लगाने की सलाह दी गई है। तीसरी कैटेगरी में गहरा घाव होने पर एआरवी के साथ एंटी रेबीज सीरम लगाने की सलाह दी गई है।

    केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कैटेगरी वार हर माह की पांच तारीख को रिपोर्ट दिए जाने के निर्देश भी दिए हैं। आवारा एवं पालतू कुत्ते के काटने पर लगवाई गई एआरवी की रिपोर्ट प्रमुखता से मांगी गई है।

    सीएमएस का कहना है कि प्रतिदिन तीस प्रतिशत लोग कैटेगरी एक के तहत एआरवी लगवाने की जिद करते हैं। बता दें कि चालू वित्त वर्ष के पांच महीने में 4681 लोगों को केवल आवारा कुत्तों ने काटा है।

    2697 लोगों को पालतू कुत्तों ने, 1614 लोगों को बिल्ली ने, 1519 लोगों को बंदर और 193 लोगों को चूहे ने काटा है। पिछले पांच महीने में कुल 10,725 लोगों ने जिला एमएमजी अस्पताल पहुंचकर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाई है।

    रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साढ़े तीन साल में 3.07 लाख लोगों ने कुत्ते, बिल्ली और बंदर के काटने पर एआरवी लगवाई है। दोनों अस्पतालों में शुक्रवार को कुल 40 बच्चों समेत 319 लोगों ने एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाई। इनमें से 121 लोगों को एआरवी की पहली डोज लगाई गई है।

    रेबीज का डर खत्म करने एवं एआरवी की खपत कम करने को जारी हुई गाइडलाइन का अनुपालन कराया जाएगा। इसके लिए चिकित्सक को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इमरजेंसी में भी बिना चिकित्सक की परामर्श के एआरवी नहीं लगाई जाएगी।

    - डाॅ. राकेश कुमार सिंह, सीएमएस जिला एमएमजी अस्पताल

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