गाजियाबाद के संयुक्त अस्पताल में रोज पहुंचते हैं दो हजार से ज्यादा मरीज, पोर्टल पर पंजीकरण जीरो
गाजियाबाद में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत शिशु और मातृ मृत्यु दर कम करने के लिए बने आरसीएच पोर्टल पर पंजीकरण में लापरवाही सामने आई है। संजय नगर अस्पताल और जिला महिला अस्पताल में पंजीकरण शून्य है जबकि लोनी और मुरादनगर में भी स्थिति खराब है। शहरी क्षेत्रों में भी गर्भवती महिलाओं और बच्चों का पंजीकरण बहुत कम है। सीएमओ ने सुधार न होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।

मदन पांचाल, गाजियाबाद। केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत शिशु मृत्यु दर (आइएमआर) और मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) को कम करने के लिए बनाये गये प्रजनन बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) पोर्टल पर पंजीकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी गंभीर नहीं है।
हाल ही में पोर्टल की समीक्षा के बाद जारी की गई रिपोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग गाजियाबाद के अधिकारियों की पोल खोल दी है। इस रिपोर्ट में कई अस्पताल और क्षेत्रों की पंजीकरण रिपोर्ट शून्य तक पाई गई है। गोपनीय तरीके से संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
इस पोर्टल से देश भर में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं सुनिश्चित करना है। रिपोर्ट के अनुसार संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल में रोज बेशक दो हजार से अधिक मरीज पहुंचते हैं लेकिन सरकारी पोर्टल पर गर्भवती एवं बच्चों की पंजीकरण संख्या शून्य है।
जिला महिला अस्पताल में भी गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों का आरसीएच पोर्टल पर पंजीकरण नहीं किया जा रहा है। लोनी और मुरादनगर में भी कम पंजीकरण होने से कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। पंजीकरण न होने से नियमित टीकाकरण का कार्य प्रभावित हो रहा है।
सबसे बुरी स्थिति 53 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं 84 शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के संचालन के बाद शहरी क्षेत्र की है। यहां पर अनुमानित 80,332 गर्भवती महिलाओं के सापेक्ष केवल 6821 का और अनुमानित 69862 बच्चों में से केवल 3625 का पोर्टल पर पंजीकरण किया गया है। सबसे अधिक चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मी शहरी क्षेत्र में कार्यरत है।
आरसीएच पोर्टल के बारे में जानें
गर्भवती महिलाओं व बच्चों का पूरा विवरण आरसीएच (रिप्रोडेक्टिव चाइल्ड हेल्थ) पोर्टल पर दर्ज किया जाता है। इसे प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) पोर्टल कहा जाता है। आरसीएच का अर्थ है प्रजनन और बाल स्वास्थ्य, जो एक सरकारी कार्यक्रम है।
यह गर्भवती महिलाओं, माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल में मदद करता है। यह एक कार्यक्रम अक्टूबर 1997 में मातृ, नवजात और बाल मृत्यु दर से लड़ने और उसे कम करने के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था।
आरसीएच पोर्टल के रिपोर्ट के आधार पर संबंधित सभी अधिकारियों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को सख्त निर्देश जारी कर दिये गये हैं। अगले दो महीने में स्थिति में सुधार न होने पर संबंधित के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति कर दी जायेगी।
- डॉ. अखिलेश मोहन, सीएमओ
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