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    गाजियाबाद में निरस्त होंगी निष्क्रिय सीआरएस पोर्टल की आईडी, पासवर्ड बदलने के आदेश जारी

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 08:40 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के छह जिलों में फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने के बाद गाजियाबाद में सतर्कता बढ़ा दी गई है। सीआरएस पोर्टल की आईडी की जांच होगी और निष्क्रिय आईडी निरस्त की जाएंगी। अस्पतालों की आईडी जांच के दायरे में हैं। अधिकारियों को सुरक्षा निर्देश जारी किए गए हैं और आधार नंबर अनिवार्य कर दिया गया है।

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    फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किये जाने के मामलों के बाद सतर्कता बरतने के निर्देश।

    मदन पांचाल, गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के छह जिलों में सीआरएस (सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम)पोर्टल की आईडी हैक कर फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किये जाने के मामलों के बाद गाजियाबाद में सतर्कता बरतने को दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं।

    क्षेत्रवार निगरानी को सीएमओ स्तर से नोडल अधिकारी नामित कर दिए गए हैं। जांच के बाद निष्क्रिय पड़ी सीआरएस पोर्टल की आईडी निरस्त होंगी। साथ ही आईडी का पासवर्ड 15 दिन के बाद बदलने के आदेश भी जारी कर दिये गये हैं।

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    जिले में नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, ग्राम पंचायत,सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के पास इस पोर्टल की आइडी हैं। सबसे अधिक तीन सौ से अधिक सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के पास आइडी हैं। इनमें सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को जारी की गई आईडी जांच के घेरे में आ रही हैं।

    प्रदेश के मुख्य रजिस्ट्रार एवं महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा.रतनपाल सिंह सुमन की ओर से पत्र में बताया गया है कि रायबरेली, हाथरस ,आजमगढ,देवरिया,हरदोई और प्रयागराज में ग्राम पंचायत तथा अन्य पंजीयन इकाइयों की सीआरएस आइडी हैक होने व आईडी पासवर्ड साझा करने से कूटरचित ढंग से फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने करने की शिकायतें आ रही है।

    इसके तहत शासने सीआरएस पोर्टल के सुरक्षित उपयोग को लेकर दोबारा दिशा-निर्देश जारी किये हैं। रिकार्ड के अनुसार गाजियाबाद में पिछले पांच साल में 435563 जन्म एवं 117425 मृत्यु का पंजीकरण हुआ है।

    इन दिशा-निर्देशों का पालन जरूरी

    • जनपद स्तर पर जिला अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला पंचायतीराज अधिकारी के स्तर पर सीआरएस पोर्टल पर प्रदर्शित होने वाली एक्टिव आरयू रिपोर्ट के माध्यम से सामान्य औसत से अधिक पंजीकरण करने वाली इकाइयों की जांच एवं निगरानी के साथ अनिवार्य रूप से नियमित समीक्षा की जाए।
    • सभी रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) खुद प्रत्येक जन्म-मृत्यु की घटना की सत्यता की जांच करें।
    • जन्म पंजीकरण के समय माता-पिता का आधार नंबर भी अंकित किया जाए एवं यदि बच्चे का आधार नंबर उपलब्ध है तो उसका विवरण भी पोर्टल पर अंकित किया जाए। इसी प्रकार मृत्यु के पंजीकरण में भी मृतक एवं उसके पति,पत्नी का आधार नंबर व मोबाइल नंबर भी पोर्टल पर अंकित किया जाए ताकि जालसाजी पर नियंत्रण लगाया जा सकें।
    •  सीआरएस पोर्टल की लॉगिन आईडी पासवर्ड बहुत गोपनीय रखा जाना चाहिए और पासवर्ड किसी अन्य से साझा न किया जाए।

    गाजियाबाद में पांच साल में हुए जन्म-मृत्यु के पंजीकरण का विवरण

    वर्ष जन्म पंजीकरण मृत्यु पंजीकरण
    2020 67325 18701
    2021 80490 27778
    2022 86532 18850
    2023 77615 18825
    2024 68728 19501
    2025 54873 13770