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    नकली करेंसी की सप्लाई करता था दवा कंपनी का असिस्टेंट मैनेजर, पूछताछ में खुले कई बड़े राज

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 01:35 PM (IST)

    गाजियाबाद पुलिस ने नकली करेंसी सप्लाई करने वाले एक असिस्टेंट मैनेजर को गिरफ्तार किया है। उसके पास से 2.83 लाख रुपये की नकली करेंसी बरामद हुई है। पूछताछ में पता चला कि वह फेसबुक के जरिए सप्लायर के संपर्क में था। आरोपी ने 10 हजार रुपये देकर 30 हजार रुपये के नकली नोट खरीदे थे और अब तक 47 हजार रुपये की नकली करेंसी बाजार में खपा चुका है।

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    दवा कंपनी का असिस्टेंट मैनेजर कर रहा था नकली करेंसी की सप्लाई, गिरफ्तार

    जागरण संवाददाता, साहिबाबाद (गाजियाबाद)। गाजियाबाद में इंदिरापुरम पुलिस ने जाली करेंसी की सप्लाई करने वाले एक दवा कंपनी के असिस्टेंट मैनेजर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इसके पास से पांच सौ रुपये के नोट की 2.83 लाख रुपये की नकली करेंसी बरामद की है।

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    वहीं, आरोपी से पूछताछ के आधार पर पुलिस नकली करेंसी के सप्लायर तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। शुरुआती पूछताछ में पता चला कि आरोपी फेसबुक के माध्यम से सप्लायर के संपर्क में आया था और वह किसी तीसरे व्यक्ति के जरिये आरोपी को नकली करेंसी उपलब्ध कराता था। पुलिस पूरे नेटवर्क से पर्दा हटाने के प्रयास में जुटी है।

    एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी दिल्ली के मंडोली के सुशीला गार्डन का रहने वाला उज्ज्वल झा है। वह मूलरूप से बिहार के मधुबनी का रहने वाला है। पिछले करीब आठ साल से वह दिल्ली में परिवार के साथ रह रहा है। उज्जवल दिल्ली की एक फार्मा कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर है, जबकि उसकी पत्नी दिल्ली में एक कंपनी में साफ्टवेयर इंजीनियर है।

    एसीपी ने बताया कि तीन दिन पहले बाजार में जाली करेंसी के प्रचलन में आने की शिकायत मिली थी। पुलिस ने आरोपी की तलाश में सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और मेनुअल के साथ इलेक्ट्रानिक सर्विलांस की मदद ली। इसके बाद उज्जवल पकड़ में आया।

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    उज्जवल से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि कुछ समय पूर्व उसकी फेसबुक पर एक व्यक्ति से दाेस्ती हुई थी। इसके बाद दोनों के बीच माेबाइल नंबरों का आदान-प्रदान हुआ और वॉट्सएप कॉलिंग पर बातचीत शुरू हो गई। आरोपी का कहना है कि फेसबुक वाले व्यक्ति ने उसे नकली करेंसी के बारे में बताया और उसके इस्तेमाल से तीन गुना लाभ की जानकारी दी।

    बताया कि उज्ज्वल लालच में आ गया और उसने 10 हजार रुपये देकर सप्लायर से 30 हजार रुपये के नकली नोट खरीदे। इन नकली नोटों को उसने स्वयं व रिश्तेदारों की मदद से बाजार में खंपा दिया। इसके बाद दोनों के बीच में तीन लाख रुपये की नकली करेंसी का सौदा हुआ।

    इसके लिए उज्ज्वल ने उसे एक लाख रुपये का भुगतान किया और दिल्ली जाकर वह तीन लाख रुपये की नकली करेंसी लेकर आया। इसमें से भी उसने 17 हजार रुपये खंपा दिए थे और उसके पास 2.83 लाख की नकली करेंसी बची थी। जिसके साथ पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह अब तक बाजार में कुल 47 लाख रुपये की नकली करेंसी खंपा चुका है।

    आरोपी की सीडीआर से सप्लायर तक पहुंचेगी पुलिस

    एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी उज्ज्वल की गिरफ्तारी के बाद उसके मोबाइल फोन की सीडीआर निकलवाई गई है। इसकी मदद से पुलिस सप्लायर तक पहुंचेगी और उसे गिरफ्तार करेगी। इसके साथ ही उज्ज्वल के सोशल मीडिया के अकाउंट की भी जांच की जा रही है, जिस पर वह सप्लायर से बात करता था। दिल्ली में जहां-जहां करेंसी का लेनदेन हुआ है, वहां की भी सीसीटीवी फुटेज खंगाली जाएगी और जल्द ही दूसरे आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।

    देखने में बिल्कुल असली जैसे दिखते हैं नोट

    आरोपी से बरामद नकली नोट देखने में बिल्कुल असली जैसे दिखाई पड़ते हैं। छपाई और कागज ऐसा है कि कोई भी इसे देखकर धोखा खा जाएगा। आरोपी ने इसके चलते ही अब तक 47 हजार रुपये बाजार में खंपा दिए और लोगों को पता भी नहीं चल सका।

    पुलिस के सामने अभी कई अनसुलझे सवाल

    • नकली नोट कहां तैयार हो रहे थे और उनकी छपाई कहां हो रही थी?
    • नकली नोट का नेटवर्क कहां से संचालित हो रहा है और कहां तक फैला हुआ है?
    • कहीं इस फर्जीवाड़े में किसी दूसरे देश या आतंकी संगठन का हाथ तो नहीं है?
    • यह नेटवर्क कब से संचालित हो रहा है और अब तक देश को कितना आर्थिक नुकसान पहुंचा चुका है?