गाजियाबाद के दंपती दुबई के नाम पर कर रहे थे ठगी, एयरपोर्ट पर पीड़ितों के उड़ जाते थे 'होश'
गाजियाबाद के अंकुर विहार में रहने वाले एक दंपती ने बुलंदशहर के कई युवकों को दुबई में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये ठग लिए। पीड़ितों से डेढ़-डेढ़ लाख रुपये लिए गए और उन्हें फर्जी वीजा व टिकट दिए गए। जब पीड़ित हवाई अड्डे पहुंचे तो उन्हें पता चला कि वे ठगी का शिकार हो गए हैं। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

-डेढ़ लाख रुपये लेकर दंपती ने दुबई में कामगार बनाने का वादा किया, वीजा और हवाई यात्रा का टिकट फर्जी भेज दिया
-पीड़ित दो अक्टूबर को इंदिरा गांधी एयरपोर्ट भी पहुंच गए, लेकिन आरोपित नहीं आए, फोन बंद कर लिया
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। दुबई में नौकरी लगवाने के नाम पर बुलंदशहर के ऊंचागांव निवासी कई युवकों के साथ अंकुर विहार निवासी दंपती ने लाखों रुपये ठग लिए। पीड़ितों को फिटर, वेल्डर समेत अन्य कामगार की नौकरी लगवाने के नाम पर डेढ़-डेढ़ लाख रुपये लिए गए। उन्हें हवाई यात्रा का टिकट और दुबई का फर्जी वीजा भी भेजा।
तब पता चला कि सब फर्जी है...
बीते वर्ष दो अक्टूबर को जब पीड़ित इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे तो वहां आरोपितों ने फोन नहीं उठाया। पीड़ितों ने जब टिकट और वीजा की जांच कराई तब पता चला कि सब फर्जी है। परेशान होकर उन्होंने पुलिस से केस दर्ज करने की मांग की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया। कोर्ट ने आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया है।
अधिवक्ता नसीम चौधरी के मुताबिक ऊंचागांव निवासी शाहबाज, सलमान, आदिल, शादाद, सरीफ और शादाब बीते वर्ष डीएलएफ अंकुर विहार निवासी तारिक और उसकी पत्नी तबस्सुम के संपर्क में आए थे। आरोपितों ने उन्हें दुबई में नौकरी लगवाने का झांसा दिया।
डेढ़-डेढ़ लाख रुपये भी ले लिए
उनसे वीजा और हवाई यात्रा का टिकट कराने के नाम पर डेढ़-डेढ़ लाख रुपये भी ले लिए। इसके बाद उन्हें कहा गया कि दो अक्टूबर को इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पहुंच जाएं। वह खुद भी एयरपोर्ट मिलेंगे और उनके साथ दुबई जाएंगे। उनकी नाैकरी लगवाकर दंपती वापस आ जाएगा।
पीड़ित बताए गए दिन एयरपोर्ट पहुंचे, लेकिन वहां आरोपित दंपती नहीं आए और न ही उनका फोन उठाया। अपने घर पर भी नहीं मिले। पीड़िताें को जानकारी करने पर पता चला कि उन्हें जो वीजा और टिकट दिया गया वह दोनों ही फर्जी हैं।
इसके बाद पीड़ितों ने पुलिस और कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया। एसीजेएम प्रथम नेहा बनौधिया ने प्रार्थना पत्र का निस्तारण करते हुए पुलिस को केस दर्ज कर जांच का आदेश दिया है।
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