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    गाजियाबाद के मतांतरण मामले से जुड़ रहे छांगुर के तार, दिल्ली-NCR समेत कई राज्यों का संभाला सिंडीकेट

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 03:57 PM (IST)

    बलरामपुर में मतांतरण के आरोपी जलालुद्दीन शाह उर्फ छांगुर का गाजियाबाद मतांतरण मामले से कनेक्शन सामने आ रहा है। उमर गौतम की गिरफ्तारी के बाद छांगुर ने मतांतरण का सिंडीकेट संभाला। सूत्रों के अनुसार छांगुर का संबंध मुंबई के मुंजीर से है जिसने उसे ट्रेनिंग दी थी। 2021 में गाजियाबाद में हुए मतांतरण के खुलासे में मुंजीर का नाम आया था।

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    गाजियाबाद के मतांतरण वाले मामले से छांगुर के तार जुड़ रहे हैं।

    आशुतोष गुप्ता, साहिबाबाद (गाजियाबाद)। बलरामपुर में बड़े पैमाने पर मतांतरण के आरोपी जलालुद्दीन शाह उर्फ छांगुर के तार गाजियाबाद के मतांतरण मामले से जुड़ रहे हैं।

    अंदेशा जताया जा रहा है कि मतांतरण का बड़ा नेटवर्क चलाने वाले उमर गौतम की गिरफ्तारी के बाद ही छांगुर सक्रिय हुआ और उसने उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली एनसीआर समेत अन्य राज्यों में मतांतरण का सिंडीकेट संभाला।

    वहीं, सूत्र बता रहे हैं कि छांगुर का कनेक्शन मुंबई में बड़ा गिरोह चलाने वाले मुंजीर से जुड़ा हो सकता है। वहीं उसने मतांतरण की ट्रेनिंग ली और प्रदेशों में अपना जाल फैलाया। सूत्र बता रहे हैं कि मुुंजीर नागपुर के एक बड़े कट्टरपंथी संगठन से जुड़ा हुआ है और मुंबई में रहकर देश भर में मतांतरण का गिरोह लीड करता है।

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    वर्ष 2021 में गाजियाबाद समेत उत्तर प्रदेश और दिल्ली एनसीआर में बड़े पैमाने पर हुए मतांतरण के पर्दाफाश के दौरान खुफिया एजेंसियों की जांच में मुंजीर का नाम प्रकाश में आया था।

    कई दिन तक उसकी तलाश में मुंबई में डेरा भी डाला था लेकिन ये कौन है और कैसे इस नेटवर्क को चलाता है, इस बारे में पुलिस अभी तक पता नहीं लगा सकी है। जिस तरह से छांगुर कुछ साल मुंबई रहकर आया और एक अंगूठी नग बेचने वाले से अचानक अमीर बन गया, इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि वह भी मतांतरण की ट्रेनिंग मुंबई से लेकर आया और यहां आकर उसने मतांतरण का गिरोह चलाकर खूब धन कमाया।

    वर्ष 2021 में जब यूपी एसटीएफ ने उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली एनसीआर में मतांतरण कराने वाले सरगना उमर गौतम व जहांगीर आलम को उसके साथियों के साथ गिरफ्तार किया था तो पूरे नेटवर्क की कमर टूट गई थी।

    सूत्र बता रहे हैं कि इसके बाद इस सिंडीकेट की कमान छांगुर ने संभाली ली। उसने कई राज्यों में अपना नेटवर्क स्थापित कर लिया और मतांतरण का खेल शुरू कर दिया। सूत्र बता रहे हैं कि छांगुर का कनेक्शन मुंजीर समेत कई कट्टरपंथी संगठनों से हैं।

    इन संगठनों को विदेशी फंडिंग भी मिलती है और मतांतरण कराने पर इनाम स्वरूप अच्छी धनराशि भी मिलती है। अपने रईस होने का दबदबा दिखाकर ही ये लोग दूसरों को भी मतांतरण के लिए उकसाते हैं और उन्हें अपने गिरोह में शामिल करते हैं।

    वहीं, जानकारी यह भी मिल रही है कि मुंजीर मुंबई में लोगों को मतांतरण के लिए ट्रेनिंग देता है और देश भर में फैले अपने नेटवर्क से संपर्क कराकर उनकी मदद करता है।

    विपुल विजयवर्गीय का मतांतरण कराकर भेजा था गाजियाबाद

    दो जून 2022 को विपुल विजयवर्गीय व कासिफ नाम के दो युवकों को डासना देवी मंदिर में प्रवेश करते हुए सेवादारों ने पकड़ा था। तलाशी के दौरान दोनों के पास से सर्जिकल ब्लेड व मेडिकल उपकरण बरामद हुए थे।

    पुलिस ने पूछताछ के बाद दोनों के खिलाफ हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन दैनिक जागरण ने अपनी जांच की तो पता चला कि विपुल विजयवर्गीय मध्यप्रदेश का रहने वाला है और उसने मतांतरण कर अपना नाम रमजान कर लिया था और कासिफ की बहन से उसने निकाह कर लिया था। उसका मतांतरण भी मुंजीर ने कराया था और मुंजीर ने उसे गाजियाबाद विजयनगर में यूनानी पद्धति से पैरा मेडिकल की पढ़ाई कराने वाले सलीमुद्दीन के पास भेजा था। विपुल यहां रहकर लोगों को मतांतरण के लिए उकसा रहा था।

    वहीं, बाद में खबरें प्रकाशित होने के बाद खुफिया एजेंसी व एटीएस ने जांच शुरू की तो बड़े स्तर पर मतांतरण का खेल सामने आया। यूपी एटीएस ने विपुल, कासिफ व सलीमुद्दीन से जानकारी के आधार पर मतांतरण के सरगना उमर गौतम, उसके साथी जहांगीर आलम समेत अन्य को गिरफ्तार कर हजारों की संख्या में लोगों के मतांतरण कराए जाने का पर्दाफाश किया था।