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    नवरात्रि के समय कुट्टू के आटे की बढ़ती है डिमांड, गाजियाबाद में कई लोग बीमार; आखिर क्या है मिलावट का खेल?

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 05:52 AM (IST)

    गाजियाबाद में खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच के दावों के बावजूद मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री जारी है। लोनी में कुट्टू के आटे से बनी पकौड़ी खाने से पांच लोग बीमार हो गए। पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जिससे विभाग की चेकिंग पर सवाल उठ रहे हैं। अधिकारी मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान चलाने की बात कर रहे हैं।

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    चेकिंग के नाम पर खानापूरी, हर साल नवरात्र में कुट्टू का आटा खाने से बीमार होते हैं लोग।

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा खाद्य पदार्थाें की जांच को लेकर किए गए दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिले में मिलावटी और नकली खाद्य पदार्थों की बिक्री जारी है, जबकि 18 से 21 सितंबर के बीच शासन के निर्देश पर चार टीमें बनाकर खाद्य सामग्रियों की जांच का दावा किया गया। इस दौरान 54 सैंपल भी लेकर जांच को भेजे गए हैं।

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    एक दिन पहले ही लोनी की जवाहर नगर कालोनी में कुट्टू के आटे से बनी पकौड़ी खाने से पांच लाेग बीमार हो गए, उनको उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले पिछले साल नंदग्राम में अक्टूबर माह में शारदीय नवरात्र में भी कुट्टू के आटे से बनी पूरी खाने से तीन परिवार के 17 लोग बीमार हो गए थे।

    अप्रैल 2021 में मोदीनगर में सीकरी फाटक के पास स्थित कालोनी में रहने वाले 12 लोग कुट्टू के आटे से बने पराठे खाने से बीमार हो गए थे। 22 मार्च 2023 को मोदीनगर के कई गांवों में कुट्टू के आटे से बने पराठे खाने के कारण सौ से अधिक लोग बीमार हो गए थे, 80 लोगों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।

    ऐसे में सवाल है कि खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी चेकिंग के नाम पर खानापूरी तो नहीं कर रहे हैं, यदि शासन द्वारा जारी आदेश को गंभीरता से लेकर चेकिंग की जाए तो खराब गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लग सकती है और लोग बीमार होने से बच सकते हैं।

    जिले में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री को रोकने के लिए लगातार अभियान चलाया जाता है। लोनी में बुधवार को लोगों के बीमार होने पर खाद्य सामग्री के सैंपल लिए गए हैं, उनको जांच के लिए भेजा गया है। मिलावटखारों के खिलाफ अभियान को तेज किया जा रहा है। - अरविंद यादव, जिला अभिहित अधिकारी