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    गाजियाबाद में 75 साल की उम्र में क, ख, ग सीख रहीं दादियां, दूर कर रहीं निरक्षरता का अंधियारा

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 04:37 PM (IST)

    गाजियाबाद में बेसिक शिक्षा विभाग के नवभारत साक्षरता मिशन के तहत 75-80 वर्ष की उम्र के बुजुर्ग पढ़ना-लिखना सीख रहे हैं। रईसपुर के किसान सुरविंदर ने दादा-दादी पाठशाला शुरू की है जहां वे बुजुर्गों को साक्षर बनाते हैं। दो साल में 1257 निरक्षरों को साक्षरता प्रमाणपत्र मिला है। 75 वर्षीय कमलेश देवी और केसर देवी जैसी महिलाएं इस मिशन में शामिल होकर शिक्षा प्राप्त कर रही हैं।

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    75 साल की उम्र में क, ख, ग सीख रहीं ''नवभारत'' की दादी। जागरण

    दीपा शर्मा, गाजियाबाद। कहते हैं जब जागो तभी सवेरा... इस कहावत के सही मायने उन बुजुर्गों से सीखे जा सकते हैं, जो 75-80 साल तक की उम्र में पढ़ना लिखना सीखकर निरक्षरता का अंधेरा दूर कर रहे हैं।

    बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा नवभारत साक्षरता अभियान चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत शिक्षा से वंचित लोगों को साक्षर बनाया जाता है। जिले में बड़ी संख्या में ऐसे बुजुर्ग हैं जो मिशन से जुड़कर पढ़ना लिखना सीख रहे हैं।

    इनमें 70-75 की बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल हैं। जिनसे परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों ने संपर्क किया तो उन्होंने पढ़ना सीखने में रुचि दिखाई। इसके अलावा शहर के कुछ समाजसेवी बुजुर्गों को शिक्षा से जोड़ने में रुचि दिखा रहे हैं।

    दादा-दादी की पाठशाला में सुरविंदर बनाते हैं साक्षर

    रईसपुर के किसान सुरविंदर किसान ने अपनी शादी के समय संकल्प लिया था कि वह गांव के बुजुर्गों को शिक्षा से जोड़ने के लिए एक केंद्र स्थापित करेंगे।

    अपने संकल्प को पूरा करते हुए इस साल सुरविंदर ने दादा-दादी पाठशाला की शुरुआत की है, जिसमें वह अपने गांव के बुजुर्गों को शिक्षा से जोड़कर साक्षर बना रहे हैं। रविवार को दादा-दादी पाठशाला में 10 प्रौढ़ एवं बुजुर्ग महिलाएं किसान सुरविंदर से पढ़ती हुई मिलीं।

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    सुरविंदर घर-घर जाकर शिक्षा से वंचित लोगों को पढ़ने के लिए जागरूक करते हैं। आज के दौर में पढ़ाई के महत्व को समझते हुए लोग शिक्षा से जुड़ भी रहे हैं।

    1,257 को मिल चुका है साक्षरता का प्रमाणपत्र

    डीसी समग्र शिक्षा डा. राकेश कुमार ने बताया कि नवभारत साक्षरता मिशन के अंतर्गत शिक्षा से वंचित ज्यादा से ज्यादा प्रौढ़ एवं बुजुर्गों को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास है।

    शिक्षा से वंचित जिन लोगों का नामांकन कर साक्षर बनाया जाता है उनके लिए हर साल दो बार मार्च एवं सितंबर में परीक्षा का आयोजन होता है। दो साल में अभी तक 1,257 निरक्षरों को साक्षर बनाया जा चुका है।

    एनआइओएस द्वारा परीक्षा पास करने वाले 1,257 को साक्षरता का प्रमाण पत्र प्रदान किया जा चुका है। इस साल अब 21 सितंबर को परीक्षा होगी। जिसके लिए करीब 250 लोग जुड़े हैं। जो लोग जुड़ रहे हैं उन सभी की 21 सितंबर को परीक्षा कराई जाएगी।

    बीते दो साल में नामांकित प्रौढ़ एवं बुजुर्ग

    वर्ष परीक्षा तिथि प्रौढ़ एवं बुजुर्ग
    2023-24 22 सितंबर  343
    2023-24 17 मार्च 353
    2024-25 22 सितंबर 328
    2024-25 23 मार्च 233
    2025-26 21 सितंबर 250

    75 वर्षीय कमलेश देवी का कहना है कि वह दादा-दादी पाठशाला में पढ़ने के लिए आती हैं। वह हिंदी पढ़ना सीख रही हैं।

    - कमलेश देवी, महिला, रईसपुर

    राजेश देवी का कहना है कि वह अपना नाम लिखना सीख गई हैं और भी थोड़ा बहुत पढ़ लेती हैं। वह नियमित पढ़ना सीख रही हैं। उनका कहना है आज के समय में पढ़ना सभी के लिए जरूरी है।

    - राजेश देवी, महिला, रईसपुर

    सुराना गांव की 75 वर्षीय केसर देवी से प्राथमिक विद्यालय सुराना नंबर-1 के शिक्षकों ने साक्षरता मिशन के अंतर्गत नामांकन के लिए संपर्क किया। जिसमें उन्होंने पढ़ने में रुचि दिखाते हुए नामांकन कराया है।

    - केसर देवी, महिला, सुराना

    सत्र 2022-23 से नवभारत साक्षरता मिशन की शुरुआत हुई थी। जिसका उद्देश्य शिक्षा से वंचित लोगों को जोड़कर उन्हें साक्षर बनाना है। विभाग द्वारा प्रौढ़ एवं बुजुर्ग लोगों को मिशन से जोड़कर साक्षर बनाया जा रहा है।

    - ओपी यादव, बीएसए

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