गाजियाबाद में प्रेम बना मुसीबत, युवती के परिवार ने दर्ज कराया था छेड़छाड़ का मुकदमा, पांच साल बाद युवक बरी
गाजियाबाद के मोदीनगर में एक युवक के प्रेम-प्रसंग के कारण युवती के परिवार ने उस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया। युवती ने बताया कि युवक उस पर शादी का दबाव बना रहा था और तस्वीरें वायरल करने की धमकी दे रहा था। पांच साल बाद न्यायालय ने युवक को आरोपों से बरी कर दिया क्योंकि कोई ठोस सबूत नहीं मिला।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। मोदीनगर थाना क्षेत्र में एक युवक के लिए प्यार करना मुसीबत बन गया। वह युवती से शादी करना चाहता था। प्रेम-प्रसंग से नाराज युवती के परिजनों ने उसके खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज करा दिया। पांच साल बाद कोर्ट ने युवक को बरी कर दिया।
युवती का आरोप है कि वह अभिषेक को एक साल से जानती थी। वह 12वीं की परीक्षा देने के लिए अपने चाचा के घर रह रही थी। जब वह ब्यूटी पार्लर जाती थी तो अभिषेक उसे परेशान करता था। अभिषेक से उसकी सिर्फ दोस्ती थी। एक बार वह किसी काम से अभिषेक के साथ गाजियाबाद गई थी, लेकिन उसके परिजनों को इसकी जानकारी नहीं थी।
अभिषेक दो महीने से उस पर शादी का दबाव बना रहा था। उसने युवती के साथ खींची गई तस्वीरें इंटरनेट पर डालने की धमकी दी। मना करने पर जान से मारने की धमकी दी। युवती ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी। परिजनों ने सात जनवरी 2020 को मोदीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने पीड़िता का बयान कोर्ट में दर्ज कराया। मामले की सुनवाई जारी रही।
जांच अधिकारी को मामले में कोई गवाह नहीं मिला। जाँच से पता चला कि पीड़िता ने एफआईआर में यह नहीं बताया कि उसके साथ पहली और आखिरी बार कब छेड़छाड़ हुई थी। छेड़छाड़ का कोई सबूत, गवाह या सीसीटीवी फुटेज नहीं मिला।
बचाव पक्ष ने कहा कि दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे और शादी करना चाहते थे। पीड़िता के चाचा उनकी शादी के खिलाफ थे, इसलिए उन्होंने झूठा मुकदमा दर्ज कराया। सबूतों के आधार पर विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) नीरज गौतम ने अभिषेक को बरी कर दिया।
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