Ghaziabad Housing Scheme: बापूधाम योजना के आवंटियों-किसानों के लिए गुड न्यूज, GDA ने बनाया पॉकेटवार विकसित करने का प्लान
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की मधुबन बापूधाम आवासीय योजना को पॉकेटवार विकसित करने की तैयारी है। इसके लिए इंजीनियरिंग नियोजन और संपत्ति अनुभाग मिलकर काम करेंगे। इस योजना के आवंटियों और स्थानीय किसानों को इसका लाभ मिलेगा। पहले योजना के उन पॉकेट को विकसित किया जाएगा जहां आवंटी निवास कर रहे हैं। पॉकेट के बिके प्लॉटों में सड़क बिजली पानी सीवर ड्रेनेज आदि के कार्य पहले कराए जाएंगे।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। मधुबन बापूधाम आवासीय योजना को पॉकेटवार विकसित करने की तैयारी करने में जुटा है। इसके लिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) का इंजीनियरिंग, नियोजन और संपत्ति अनुभाग मिलकर काम करेंगे। ताकि मधुबन बापूधाम योजना के आवंटियों और स्थानीय किसानों को इसका लाभ मिल सके।
अथॉरिटी ने जारी किए ये निर्देश
करीब दो दशक पूर्व धरातल पर उतारी गई मधुबन बापूधाम योजना किसानों से विवाद के चलते पूरी तरह विकसित नहीं हो सकी। प्राधिकरण की ओर से अब इस योजना को योजनाबद्ध तरीके से विकसित करने की तैयारी की जा रही है, जिसके लिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण वीसी अतुल वत्स ने निर्देश दिए हैं।
इसके लिए पहले योजना के उन पॉकेट को विकसित किया जाएगा, जहां आवंटी निवास कर रहे हैं या आवंटित प्लॉटों में लोग निर्माण करना चाहते हैं। इसके अलावा अन्य पॉकेट पर भी प्लॉट काटकर वहां मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
वर्ष 2011 में बिक चुके हैं प्लॉट
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण अधिकारी के अनुसार मधुबन बापूधाम योजना में छह पॉकेट है, जिसमें दो पॉकेट में ईडब्ल्यूएस और एलआइजी बने हुए हैं, जबकि डी पॉकेट के प्लॉट वर्ष 2011 में बिक चुके हैं। इसके बाद भी अन्य पॉकेट के बिके प्लॉटों में सड़क, बिजली, पानी, सीवर, ड्रेनेज आदि के कार्य पहले कराए जाएंगे।
इसके लिए इंजीनियरिंग, नियोजन और संपत्ति अनुभाग के प्रभारी अधिकारी तैयारी में जुटे हैं। इसके लिए अपर सचिव प्रदीप सिंह को नोडल अधिकारी के तौर पर जिम्मेदारी दी गई है, जो प्रत्येक मंगलवार को मधुबन बापूधाम कार्यालय में आवंटियों और किसानों की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान कराएंगे।
मधुबन बापूधाम योजना पर एक नजर
- गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2004 में 1,234 एकड़ जमीन पर मधुबन बापूधाम योजना को धरातल पर उतारा था।
- इसके बाद 800 एकड़ भूमि और फिर 153 एकड़ का अधिग्रहण कर विकसित किया।
- सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अंत में 281 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया।
- वर्ष 2011 से 2015 के बीच विभिन्न पॉकेट में 2,316 प्लॉट और डिस्ट्रिक सेंटर की योजना निकाली गई।
- इसमें इच्छुक आवेदकों ने आवेदन किया और उन्हें प्लॉट मिला।
- इसके अलावा भी अन्य योजनाओं में ग्रुप हाउसिंग और आवासीय प्लॉट की बिक्री की गई।
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