Ghaziabad News: छात्रा के अपहरण और यौन उत्पीड़न मामले में मिली 4 साल का कारावास, फरवरी 2022 में हुई थी घटना
गाजियाबाद में 2022 में एक नाबालिग छात्रा का अपहरण और यौन उत्पीड़न हुआ था। कोर्ट ने दोषी को चार साल की सजा सुनाई है लेकिन दुष्कर्म के आरोप से बरी कर दिया। छात्रा ने आरोप लगाया था कि उसे बहला-फुसलाकर ले जाया गया शराब पिलाई गई और यौन उत्पीड़न किया गया। मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। कौशांबी थाना क्षेत्र में कक्षा आठ की छात्रा का अपहरण और यौन उत्पीड़न करने के मामले में कोर्ट ने बुधवार को दोषी को चार वर्ष की कारावास सजा सुनाई। वहीं दोषी को दुष्कर्म के आरोप से मुक्त कर दिया। छात्रा ने अपहरण कर दुष्कर्म का आरोप लगाया था।
छात्रा ने बयान दिया था कि तीन फरवरी 2022 को सागर उसे बहला फुसलाकर ले गया। उस समय उसकी उम्र 14 वर्ष थी। वह कक्षा आठ में पढ़ती थी। वह उसे अपने घर ले गया। उसने उसे एक हाजमोला की गोली खाने के लिए दी। गोली खाते ही उसे चक्कर आने लगे।
आरोपित ने उसे जबरन शराब पिलाई। वह बेहोश हो गई। जब उसे होश आया तो उसके निजी अंगों से रक्तस्राव हो रहा था। इसके बाद वह आरोपित से चंगुल से छूटकर अपनी घर के लिए निकल गई। रास्ते में उसके माता पिता मिले। माता-पिता उसे थाने लेकर पहुंचे।
पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बाद सागर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल कराया। मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई। कोर्ट ने बचाव पक्ष और अभियान पक्ष के अधिवक्ता की दलीलों को सुना। कोर्ट में दुष्कर्म का आरोप साबित नहीं हो सका।
अभियोजन पक्ष अपहरण और यौन उत्पीड़न का आरोप साबित करने में सफल रहा। कोर्ट ने सागर को धारा 363 और 354 ए और लैगिंग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत दोषी करार दिया।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने दोषी को गरीब बताते हुए कम से कम सजा देने का निवेदन किया। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) नीरज गौतम ने सागर को चार वर्ष की कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषी को एक माह की अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जेल में बिताई की अवधि भी सजा में समायोजित होगी।
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