गाजियाबाद में चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग के निर्माण को मिली हरी झंडी, जल्द शुरू होगा काम
गाजियाबाद में चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग के निर्माण को मंजूरी मिल गई है। संशोधित प्रस्ताव के अनुसार अब कम पेड़ काटे जाएंगे। एनजीटी से मंजूरी मिलने के बाद पीडब्ल्यूडी को वन विभाग से एनओसी का इंतजार है। इस मार्ग के बनने से कांवड़ यात्रा के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर होगी और अक्टूबर तक निर्माण शुरू होने की उम्मीद है।

हसीन शाह, गाजियाबाद। चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग (गंगनहर की दाईं पटरी) निर्माण के लिए बजट और निर्माण के संशोधित प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। अब लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को वन विभाग से एनओसी मिलने का इंतजार है। वन विभाग एनजीटी के आदेश के मुताबिक एनओसी देगा। गंगनहर की दाईं पटरी मार्ग का निर्माण होने से कांवड़ यात्रा के दौरान ट्रैफिक को नहीं रोका जाएगा। एक पटरी पर ट्रैफिक चलेगा और दूसरी पर कांवड़िये चलेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 मई 2018 को चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग की दाईं पटरी के निर्माण की घोषणा की थी। वर्ष 2019 में कैबिनेट की बैठक में मार्ग के निर्माण की झंडी दी गई। पूर्व में नहर के किनारे से करीब साढ़े सात मीटर दूर सड़क का निर्माण होना तय किया गया था। जिस वजह से अधिक संख्या में पेड़ काटे जाने थे। पेड़ काटने का मामला राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) पहुंच गया।
एनजीटी ने पेड़ काटने पर रोक लगा दी। ऐसे में सड़क निर्माण की प्रक्रिया पर रोक लग गई। पीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव में बदलाव किया है। नए प्रस्ताव में सड़क निर्माण की दूरी नहर के किनारे से दो मीटर रखी गई है। अब पेड़ सीमित संख्या में कटेंगे। शासन से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है।
शासन से निर्माण के लिए 627 करोड़ पांच लाख 29 हजार रुपये की स्वीकृति भी मिल चुकी है। पीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव को वन विभाग को भेज दिया है। अब वन विभाग को एनओसी देनी है। वन विभाग एनओसी देने से पहले पेड़ों संख्या की स्थिति काे परख रहा है। जिससे एनजीटी के आदेश का पालन हो सके।
पीडब्ल्यूडी काे उम्मीद है कि अक्टूबर में एनओसी मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर तक 111.94 किमी लंबी पटरी मार्ग का निर्माण होगा। गंगनहर पटरी का करीब 13 किमी का हिस्सा गाजियाबाद में आता है।
नहीं कटेंगे एक लाख पेड़
पूर्व में बनाए गए प्रस्ताव के मुताबिक करीब एक लाख से अधिक पेड़ों को काटा जाना था। एनजीटी ने रोक लगाई तो पीडब्ल्यूडी ने प्रस्ताव को संशोधित कर दिया। अब कटने वाले पेड़ों की संख्या लगभग 15 हजार कर दी गई है। संशोधित प्रस्ताव को एनजीटी में पेश किया गया। एनजीटी ने प्रस्ताव में फिर से संशोधन करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद एनजीटी की ओर से प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी।
एनजीटी की रोक हट गई है। निर्माण के संशोधित प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। वन विभाग से एनओसी का इंतजार है। एनओसी मिलने के बाद अक्टूबर में निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। - रामराजा, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग
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